देहरादून: दून पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। क्राइम पुलिस बनकर चेकिंग के नाम बुजुर्गों से ज्वैलरी ठगी करने वाले एक अन्तर्राजीय ईरानी गैंग की महिला सदस्य को पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। पुलिस की गिरफ्त में आयी आरोपी महिला फिजा जाफ़री से 5 लाख से अधिक के सोने के जेवरात भी बरामद हुए हैं। गैंग के दो सदस्य मोहम्मद अली सरफ़राज़ जाफ़री व अली मिर्जापुत्र अभी भी फरार चल रहे हैं। गिरफ्तार ईरानी गैंग की शातिर महिला सदस्य मूल रूप से महाराष्ट्र जिला ठाणे की रहने वाली है। ईरानी गैंग द्वारा पूरे उत्तर भारत में अलग-अलग रूप बदलकर लूट, ठगी की वारदातें जारी है। 24 जनवरी की चेकिंग के नाम पर देहरादून में इन्होने घटना को अंजाम दिया था।
मामले के अनुसार, थाना कोतवाली नगर के अंतर्गत 24 जनवरी को सुनीता शर्मा पत्नी धीरेन्द्र शर्मा, निवासी 151 लुनिया मोहल्ला, देहरादून ने चौकी धारा पर लिखिल सूचना दी कि उनके पति धीरेन्द्र शर्मा किसी काम से चकराता रोड से जा रहे थे तभी दो व्यक्तियो ने उन्हें चक्खु मोहल्ला वाली गली में बुलाया, वह दोनों सादे वस्त्रों में थे, उनसे यह कहकर की वह पुलिस वाले है, यहां 26 जनवरी के कारण चैंकिग चल रही है और उनकी तलाशी लेने लगे और कहा कि आपके पास जो भी सोने की चीज है उसको इस रुमाल मे रख लो। इनके पति ने दो अंगूठी और एक चाबी रुमाल में रख ली और इसी बीच उन्होनें बातों-बातों में रुमाल में से दोनों अगूंठियां गायब कर दी, उसमें केवल चाबियां ही रह गयी थी।
इस सूचना पर चौकी धारा पर उचित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। प्रारम्भिक पूछताछ पर पीडित धीरेन्द्र शर्मा द्वारा बताया कि उन दोनो व्यक्तियों के साथ एक महिला भी थी, जो उनसे कुछ दूर खडी थी। पुलिस टीम द्वारा घटना से सम्बन्धित समस्त लोगो से बारीकी से पूछताछ की गयी तथा घटना स्थल के आस-पास व संन्दिग्ध व्यक्तियो के आने-जाने वाले रास्तो पर लगे सीसीटीवी कैमरे चैक किये गए, करीब 50 कैमरे चैक करने के बाद सन्दिग्धों की कुछ फोटोग्राफ प्राप्त हुई, जो प्रथम दृष्टया देखने में तथा क्राइम की मोडस ऑपरेंडी में ईरानी गैंग के सदस्य होना प्रतीत हुआ।
इसी इनपुट के माध्यम से सम्पूर्ण भारत में रह रहे ईरानी गैंग के सदस्यों की पहचान हेतु इनके फोटोग्राफ पुलिस सूत्रो को व्हाट्सएप्प के माध्यम से प्रेषित किये गये तथा अन्य राज्यो की पुलिस से भी उक्त इनपुट को साझा किया गया। तमाम अऩ्य पुलिस टैक्टिक्स के बाद सूचना मिली कि जिन ईरानी गैंग के लोंगो ने देहरादून में घटनाएं की है, वह मूल रुप से बीदर कर्नाटक के रहने वाले है, फोटो ग्राफ से यह अली मिर्जा व सिट्टी प्रतीत हो रहे है और वर्तमान में लखनऊ में किराए पर रहकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान,मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व उत्तराखण्ड आदि राज्यो में घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यह गैंग अपने साथ एक या दो महिलाओं को भी रखते है।
उक्त सूचना का भली भांती परीक्षण कर एवं उक्त के संबन्ध में अऩ्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर थाना कोतवाली नगर से एक टीम को लखनऊ रवाना किया गया। टीम द्वारा कुशलता का परिचय देते हुए लगातार लोकल इंफोरमर्स से इनके संबध में जानकारी करते हुए करीब 8 दिन तक पतारसी सुरागसी करते हुए 5 जनवरी को सूचना मिली की दोनो अभियुक्त एक महिला के साथ ज्वैलरी बेचने के लिए आ रहें है, महिला को इसलिये अपने साथ लाते है कि कोई ज्वैलरी को देखकर शक न करे। इस सूचना पर सभी पुलिस टेक्टिस का पालन करते हुये आने वाले रास्ते पर घेरांबदी की गई, जिसमें उक्त महिला को ठगी की गई भारी मात्रा में ज्वैलरी के साथ गिरफ्तार करने मे सफलता प्राप्त की गई तथा मौके से अन्य दो अभियुक्त घनी आबादी व संकरी गलियों का फायदा उठाकर फरार होने में सफल रहे है, जिनकी टीम द्वारा लगातार तलाश जारी है। उनको भी शीघ्र गिरफ्तार किया जायेगा। गिरफ्तार अभियुक्ता को आज न्यायालय में पेश किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान फिजा जाफरी पत्नी मोहम्मद अली सरफराज जाफरी निवासी भीमण्डी थाना शांतिनगर जिला ठाणे महाराष्ट्र, उम्र 40 वर्ष के रूप में हुई। साथ ही वांछित अभियुक्तों में मोहम्मद अली सरफराज जाफरी उर्फ सिट्टी पुत्र एजाज अहमद जाफरी निवासी भीमण्डी थाना शांन्तिनगर, जिला ठाणे, महाराष्ट्र, उम्र 40 वर्ष, अली मिर्जापुत्र स्वं दरवेश ईरानी निवासी उपरोक्त उम्र 40 वर्ष के रूप में हुई।
पूछताछ पर अभियुक्ता ने बताया कि यह भीमण्डी महाराष्ट् की निवासी है, सिट्टी इसका पति है और अली मिर्जा की यह बहन है । हाथ की सफाई इनका पुश्तैनी काम है, इस काम को यह कई पुस्तों से करते आ रहे हैं। इसके द्वारा बताया कि अली मिर्जा उसका सगा भाई है , सिट्टी और अली मिर्जा दोनो अलग अलग राज्यों शहरों में जाकर लोगो को फर्जी पुलिस बनकर कभी चैंकिग के नाम पर तो कभी बूढे व्यक्तियों के जोडों में दर्द बताकर उनके पहने जेवर को शुद्ध करने के नाम पर तो कभी CRIME ब्रांच की टीम बनकर चैकिंग करने के नाम लोगो से उनके पहने जेवर उतरवाकर किसी लिफाफे में रख लेते हैं और हाथ की सफाई से नजर बचाकर नकली जेवर का पैकट बदल देते है, इस प्रकार इनके द्वारा अब तक उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात,दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, व उत्तराखण्ड आदि अन्य राज्यो में भी छोटी बडी अनेकों घटनाएं की है। इसी वर्ष जनवरी 24 को ये भी इनके साथ आई थी, जब घटना करने के बाद जो भी ज्वैलरी मिलती थी तो यह ज्वैलरी इसको दे देते और यह किसी ज्वैलरी शॉप पर जाकर उसको बेच देती थी, महिलाओं पर कोई शक भी नही करता था।
इस प्रकार इसके द्वारा यह भी बताया कि सिट्टी और अली मिर्जा दोनों अपनी बाइक से उत्तराखण्ड पहले भी कई बार आ चूकें है, पिछले साल यह दोनों मार्च और मई और अक्टूबर के महीने में आये थे। मार्च और मई में दो बुजुर्ग महिलाओं को इन्होनें अपना शिकार बनाया था, उसमें जो ज्वैलरी मिली थी उसमें से कुछ बेच दिया था और जो कुछ बची थी वह आज बेचने जा रही थी, इसके अलावा 24 तारीख की घटना में एक बुजुर्ग को शिकार बनाया था, उनकी भी दोनों अंगूठिया बेचने जा रही थी तथा साथ में सिट्टी और अली मिर्जा भी थे, जो वहां से भाग गए।
इसके द्वारा यह भी बताया गया कि इसका बडा बेटा भी चैन स्नेचिंग और ठगी का काम करता है। अभी 8/10 दिन पहले ही मुम्बई पुलिस ने उसको पकड़ा है, अक्टूबर, नवंबर 2018 में जब अली मिर्जा और सिट्टी उत्तराखण्ड घटना करने आये थे तो कुछ ज्वैलरी को लेने इसका बेटा लखनऊ से फ्लाईट से जॉलीग्रांट आया था तथा उसी दिन ये जॉलीग्रान्ट एयरपोर्ट से फ्लाईट से ही हैदराबाद गया, वहां से बीदर कर्नाटक आ गया था। यह लखनऊ में किराए के कमरे में रहते है, आना जाना फ्लाईट से करते है, कभी- कभी यह दो मोटर साईकिलों पर 4 लोग भी आ जाते है, तथा कभी- कभी दो मोटरसाईकिल व एक बड़ी गाड़ी से 6 व 7 लोग भी जाते है। सिट्टी और अली मिर्जा द्वारा ठगी से प्राप्त ज्वैलरी को अभियुक्ता के पास ही रखते थे तथा अधिकांश ज्वैलरी को यह खुद बेचती थी।
उल्लेखनीय है कि उक्त महिला भी अत्यंत शातिर प्रवित की है, बार– बार पूछताछ पर भी इसके द्वारा लखनऊ में किराये के घर का पता नही बताया गया है। एक टीम द्वारा अन्य फील्ड टेक्टिस व पुलिस सूत्रों के माध्यम से अन्य अभियुक्तों व उनके संभावित ठीकानों की जानकारी की जा रही है तथा अन्य राज्यो में घटित को सूचित किया जा रहा है। उक्त महिला अभियुक्त द्वारा अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी है, जिसका परीक्षण/ विश्लेषण कर विवेचना में सम्मिलित कर आवश्य वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
इनके विरूद्ध महाराष्ट् में भी अभियोग पंजीकृत है तथा अन्य सम्बन्धित थानों से आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।