बागेश्वरः कपकोट ब्लॉक के अंतर्गत कपकोट नगर के खाईबगड़, बमशेरा व कपकोट बाजार के आसपास के कृषि युक्त उपजाऊ भूमि में हर साल फसलें बोई जाती है, लेकिन इस बार सिंचाई विभाग की घोर लापरवाही का खामियाजा यंहा के काश्तकारों को झेलना पड़ रहा है। काश्तकारों ने जैसे तैसे फसलें तो बो दी, लेकिन अब सिंचाई के लिए पानी की व्यस्था न होने के कारण चिंतिंत हैं। लोग इंद्र देव की तरफ टकटकी लगाए हुए बैठे हैं।
दरसल, हर साल सिंचाई विभाग जिले में नहरों के साफ सफाई रख-रखाव के बजट के नाम पर लाखों रुपये पेपर वर्क में दिखा देता है। ग्राउंड पर उसका कुछ ही फीसदी खर्च हो पाता है। नहरों की सही ढंग से मरम्मत नहीं होने से प्रतिवर्ष काश्तकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता। ऐसे में अब उम्मीद कम ही लग रही है कि सिंचाई विभाग इन काश्तकारों को समय से पानी दे पाएगा।
स्थानिय लोगों का कहना इन नहरों की ऐसी दयनीय हालत साल भर ऐसी ही रहती है। कई बार विभाग के अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। लेकिन, कोई सुनता ही नहीं। वहीं, इस पूरे मसले पर जिलाधिकारी का कहना है कि जिले में ज्यादातर नहरों कि स्थिति ठीक नहीं है। सिंचाई विभाग ने जिले की कई नहरों का प्रपोजल भेजा है। बजट न मिलने के कारण दिक्कतें हो रही हैं।