देहरादून : 1971 में टिहरी रियासत के पूर्व महाराजा मानवेन्द्र शाह को हराकर इतिहास लिखने वाले पूर्व सांसद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रजामंडल के प्रथम अध्य्क्ष रहे परिपूर्णानंद पैन्यूली का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। लंबी बीमारी के बाद आज देहरादून के ओएनजीसी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 96 साल की उम्र में गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।
परिपूर्णानंद पैन्यूली वो नाम है, जिन्होंने लगभग अजेय मानवेंद्र शाह को मात देकर इतिहास अपने नाम किया था। उनके डर से खुद को राजशाही समाप्त होने के बाद भी राजा कहने वाले मानवेंद्र शाह ने उनके चुनावी ताल ठोकने के डर से चुनाव ही नहीं लड़ा था। आजादी के आंदोलन और टिहरी रियासत को आजाद भारत में विलय कराने में उनकी अहम भूमिका रही। उनका निधन उत्तराखंड के लिए अपूर्णीय क्षति है। ऐसे महान योद्धा, ईमानदार राजनेता का जाना बेहद दुःखद है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। टिहरी लिखवार गांव निवासी पत्रकार चंद्रशेखर पैन्यूली ने बताया कि परिपूर्णानंद पैन्यूली जी उनके कुछ श्रेष्ठ थे। उनका होना ही उनके लिए काफी था। उन्होंने कहा कि उनका अविरल आशीर्वाद सदैव हमंे आगे बढ़ने की शक्ति देता रहेगा। उनसे आखिरी मुलाकात कुछ माह पूर्व उनके निवास पर ही हुई थी। मेरे लिए और सभी पैन्यूली बन्धुओं की शान रहे, परिपूर्णानन्द जी का जाना बेहद दुःखद है।
उनकी चार बेटियां हैं। वर्तमान में वह देहरादून के बसन्त विहार के अपने निवास पर रहते थे। कल शुक्रवार रात तबियत बिगड़ने पर उनकी देखरेख कर रहे युवक ने उनको अस्पताल में भर्ती कराया। जहां आज शनिवार दोपहर को उनका निधन हो गया। उनकी 4 बेटियां हैं। दिल्ली से उनकी बेटी देहरादून पहुंच गई हैं। इसके अलावा अन्य रिस्तेदार भी जुटने लगे हैं। पैन्यूली का पार्थिव शरीर अभी अस्पताल में रखा गया है। परिजनों ने बताया कि राविवार को उनका अंतिम संस्कार होगा।