बुलंदशहर: इस काल यानि 21वीं के शाहजहां अब इस दुनिया से चले गए हैं। उनकी एक सड़क हादसे में मौत हो गई। ताजमहल और शाहजहां के बारे में तो आपने इतिहास के पन्नों में पढ़ा ही होगा। लेकिन, एक ऐसे भी शाहजहां थे, जिन्होंने अपनी बेगम की याद में अपने गांव में ही मिनी ताजमहल बना दिया था। इनके बारे में आपने शायद ही कभी पढ़ा या सुना होगा।
बुलंदशहर के फैजुल हसन कादरी। यही नाम था आधुनिक युग के शाहजहां का। उन्होंने अपनी बेगम की याद में अपने गाव में मिनी ताजमहल बनवाया था। लेकिन, गुरूवार को बाइक की टक्कर से उनके सिर में चोट लग गई थी, काफी समय तक चले इलाज के बावजूद फैजुल को बचाया नहीं जा सका।
86 वर्षीय कादरी ने अपनी जमीन बेचकर और अपनी पूरी कमाई लगाकर बेगम के लिए मिनी ताजमहल बनवाया था। इसी बात से वो सुर्खियों में भी आ गए थे। बुलंदशहर के कसेर गांव के रहने वाले फैजुल हसन कादरी कहते थे कि उनकी कोई औलाद नहीं थी। उनकी पत्नी अक्सर इस बात को लेकर परेशान रहती थी।
वे बताते थे कि एक दिन उनकी पत्नी ने तज्जमुली बेगम ने उनसे कहा कि उनकी कोई संतान नहीं है। तज्जमुली बेगम ने उनसे कहा था कि एक ऐसी इमारत बनवानी चाहिए, जिसे देखकर हमारे मरने के बाद भी लोग हमें याद रखें। इसलिए उन्होंने अपनी बेगम की मौत के एक सात साल बाद 2012 में घर के नजदीक ही एक मिनी ताजमहल बनवाया था।