नैनीताल: हाईकोर्ट ने राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान हुए मुजफ्फरनगर कांड के मामले में सुनवार्इ के बाद जिला जज देहरादून को आदेश दिये हैं कि, दो हफ्तों के भीतर मुजफ्फरनगर कांड की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। साथ ही राज्य सरकार, सीबीआई और प्रशासनिक अधिकारी जिला जज देहरादून को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो हफ्ते बाद की तिथि नियत की है। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, अधिवक्ता रमन शाह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कोर्ट में कहा है कि मुजफ्फरनगर कांड के मामले में दोबारा सुनवाई हो। याचिका में कहा कि इस प्रकरण में रहे दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और इस प्रकरण की सीबीआई जांच हो। याचिका में कहा गया कि मामले से जुड़ी फाइल गायब करने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हो। याचिका में कहा कि राज्य आंदोलन के दौरान 28 आंदोलनकारियों की मौत, बलात्कार के करीब साथ घटना व 17 आंदोलनकारियों के साथ छेड़छाड की घटना सीबीआइ की रिपोर्ट में सामने आई है। 1996 में सीबीआइ ने तत्कालीन डीएम मुजफ्फरनगर अनंत कुमार सिंह समेत अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की। लेकिन इसके खिलाफ 2003 में डीएम ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने डीएम को राहत देते हुए मामले पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद 22 अगस्त 2003 को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अपने फैसले को रिकॉल कर लिया। फिर मामले में सुनवाई नहीं हो सकी तो मामले से जुड़ी फाइल भी गायब हो गई। पक्षो की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने जिला जज देहरादून को आदेश दिये कि दो हफ्तों के भीतर मुजफ्फरनगर कांड की पूरी रिपोट कोर्ट में पेश करें। साथ ही राज्य सरकार, सीबीआइ और प्रशासनिक अधिकारी जिला जज देहरादून को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो हफ्ते बाद की तिथि नियत की।