करन दयाल, देहरादून: इन दिनों मसूरी की रोड को खूब संवारा जा रहा है। सड़कों पर हो रहा काम विकास का एक बहुत बड़ा हिस्सा है लेकिन रोड में फैली सामग्री किसी बड़े हादसे को न्योता देती हुई नजर आ रही है। आलम यह है कि बजरी-पत्थर ने आधी सड़क पर कब्जा किया हुआ है और निर्माणाधीन विभाग सुरक्षा को दरकिनार करते हुए लोगों की जिंदगियों को दांव पर लगाने का काम कर रहा है।
कभी सड़क का चौड़ीकरण, कभी सीवर लाइन का काम, तो कभी नालियों की मरम्मत से भले ही मसूरी रोड की सुंदरता पर चार चांद लगेंगे लेकिन लापरवाही से होने वाले हादसों की जिम्मेदारी कौन लेगा? कुछ ऐसा ही हुआ था बीते वर्ष जब नाग मंदिर, मसूरी रोड के पास फैली बजरी और मिट्टी के कारण एक नौजवान युवक की दर्दनाक मौत हो गयी थी। युवक की मौत के बाद क्षेत्र के विधायक गणेश जोशी ने सम्बन्धित विभाग की क्लास ली तो प्रशासन की नींद खुली और चंद घंटों में साफ सफाई हो गयी लेकिन हादसे के बाद की गयी बैठकें और कारवाही मात्र एक औपचारिकता ही साबित होती दिखाई दे रही हैं। फिर से वही लापरवाही यहाँ पर देखने को मिल रही है, तो क्या हम इस वाक्य से यही समझें कि प्रशासन किसी मौत का इंतजार कर रहा है? जिसके बाद ही सड़क पर पसरा मटेरियल साफ़ किया जायेगा?
सवाल यह है कि जब विभाग को कार्य करना ही है तो फिर जिम्मेदारियों और सुरक्षाओं को क्यूँ दरकिनार किया जा रहा है? शायद विभाग को उस माँ का दर्द नहीं मालूम जो इनकी छोटी सी लापरवाहियों के कारण अपने घर का चिराग पल भर में खो बैठी है।
बहरहाल आने वाले दिनों में क्रिसमस और नए साल के चलते सैलानियों की संख्या में इजाफा हो जायेगा, ऐसे में यातायात बाधित और हादसों का होना लाजमी सा प्रतीत हो रहा है। उससे पहले अगर मसूरी रोड में जगह-जगह पर रखी मशीने, बजरी-पत्थर और पानी की टंकियों को हटा दिया जाये तो तस्वीरों में बदलाव संभवत: लाया जा सकता है। हालांकि लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अनिरुद्ध भंडारी का कहना है कि सड़क पर हो रहे काम पर उनकी पैनी नजर है। साथ ही उन्होंने कहा कि सम्बंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसी भी लापरवाही के चलते होने वाले हादसों को रोका जाये।