देहरादून: प्रदेश में इन दिनों थराली विधानसभा उपचुनाव की चर्चा जोरों पर है। सत्तासीन भाजपा ने आधिकारिक रूप से भले ही प्रत्याशी की घोषणा नहीं की, लेकिन आज बिके नामंकन पत्रों में थराली उपचुनाव के लिए दिवंगत विधायक मगन लाल की पत्नी मुन्नी देवी ने भाजपा के नाम से नामांकन पत्र लिया है। इधर, देहरादून में मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए आए गुड्डु लाल ने भी कुछ ही दिनों बाद भाजपा से फिर से बगावत कर ली है, जिससे भाजपा पूरी तरह से थर-थर कांपने लगी है। भाजपा को थराली सीट के हाथ से जाने का डर अभी से सताने लगा है।
थराली उप चुनाव मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की निकाय चुनाव से पहले बड़ी परीक्षा होगी। बड़ी इसलिए कि, मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके मार्गदर्शन में भाजपा पहला चुलाव लड़ने जा रही है। भाजपा की परेशानी इसलिए बढ़ गई है कि तीन-चार दिन पहले ही भाजपा गुड्डू लाल को पार्टी में लेकर आई थी। उनको टिकट का आश्वासन दिया गया था, लेकिन टिकट नहीं मिलने से गुड्डू लाल फिर से बगावती हो गए हैं। उनके प्रति क्षेत्र में बड़ी सहानुभूति है। पिछले चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 8000 हजार वोट लेकर आए थे। मुश्किल इसलिए गंभीर है कि भाजपा के कुछ दूसरे चेहरे भी पार्टी से बगावत कर सकते हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने पूर्व के प्रत्याशी डाॅ. जीतराम को ही फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। जीतराम भी पिछले चुनाव में हार को अपना हथियार बनाकर लोगों से भावनात्मक अपील कर रहे हैं। इधर, कम्यूनिस्ट पार्टी से कुंवर राम ने नामाकंन पत्र खरीदा है।
अब तक की स्थिति को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि भाजपा की राह इस चुनाव में कठिन होने वाली है। उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना भी करना पड़ सकता है। यह चुनाव मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की परीक्षा तो लेगा ही। साथ ही आने वाले निकाय चुनाव की दिशा और दशा भी तय करेगा। उपचुनाव के परिणामों को निकाय चुनाव पर भी असर देखने को मिलेगा।