अल्मोडा: उत्तर प्रदेश सरकार में पर्वतीय विकास मंत्री व जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे स्वर्गीय सोबन सिंह जीना के गांव सुनौली के लोगों को वर्षों बाद भी सडक कटान का मुआवजा नहीं मिल पाया है। जिस कारण लोग मुआवजे की मांग को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं। बरसों बाद गांव में सड़क तो पहुंच गई, लेकिन सड़क ने ग्रामीणों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली।
अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर ताकुल तहसील में बसा सुनौली गांव तहसील के सबसे बड़े गांवों में शुमार है। यहां लगभग 800 परिवार रहते हैं। सुनौली के ग्रामीणों का कहना है कि, साल 2002 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत उनके गांव के लिए 7 किमी सड़क स्वीकृत हुई, जो साल 2014 में बनकर तैयार हुई। गाँव में सड़क बनने से ग्रामीणों को सुविधा तो मिली, लेकिन सड़क से पहले तो उनकी जमीन कट गई, फिर जमीन के नीचे स्थित उनके ऊपजाउ खेतों में सड़क की मिट्टी डालने से खेत बर्बाद हो गये। ग्रामीणों का कहना है कि, उनके कटे खेतों का बार-बार सम्बन्धित अधिकारियों व प्रशासन से गुहार के बाद भी अभी तक न ही उन्हें मुआवजा मिल पाया, न ही बाकि बचे खेतों में डाली मिट्टी को हटवाया गया। इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि, पहले इन खेतों में विभिन्न सब्जीयां बड़ी मात्रा में उत्पादित होती थी, जो बसौली मण्डी के साथ ही बाहर अन्य जगहों पर भेजी जाती थी, जो उनके जीविका का मुख्य साधन था। लेकिन आज हालात यह हैं कि, गांव में लोग बेरोजगार हैं, यहां सड़क तो आ पहुंची लेकिन रोजगार का मुख्य साधन खेती बर्बाद हो चुकी है।
वहीं मामले में जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि, सुनौली गांव की मुआवजे को लेकर अभी तक कोई शिकायत नही आयी है, यदि सुनौली गांव के लोगों की कोई शिकायत आती है तो, उसके बाद तुरंत मुआवजा दिया जाएगा।