देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली के सीमांत गांव घेस और हिमनी के बच्चों से गांव में पहली बार इंटरनेट नेटवर्क आने के बाद वीडियो काॅलिंग की। मुख्यमंत्री को देख बच्चे खूब खुश हुए। उनके चेहरे पर मुस्कान भी आई, लेकिन गांव के एक बच्चे के सवाल ने मुख्यमंत्री को चैंका दिया। बच्चे का सवाल था कि बिजली कब आएगी। बिजली नहीं होने से होमवर्क करने में दिक्कत होती है। सीएम ने कहा कि तीन माह के भीतर बिजली बहाल कर दी जाएगी। हालांकि, यह देखने वाली बात होगी कि सीएम अपने वादे को पूरा करते हैं या नहीं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने मुख्यमंत्री आवास से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चमोली के राजकीय इंटर काॅलेज घेस और जूनियर हाई स्कूल हिमनी के बच्चों से बात की। मुख्यमंत्री ने बच्चों से उनके गांव की समस्याओं के बारे में पूछा। एक बच्चे ने बताया कि बिजली न होने के कारण वे घर पर अपना होम वर्क नही कर पाते हैं। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन महीने के भीतर इस सीमांत गांव में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिये ऊर्जा विभाग को निर्देश भी दिये।उल्लेखनीय है कि 2013 की आपदा में इस गांव में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई थी।
बच्चों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे इंटरनेट की खुबियों और इसके सकारात्मक उपयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वे इसकी सहायता से अपने गांव में किसानों की मदद कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गांव में शहद उत्पादन की भी संभावनाएं हैं और शीघ्र ही सरकारयहां शहद उत्पादन और विपणन के लिये विशेषज्ञ सहायता उपलब्ध करायेगी।