नई दिल्ली: गृह मंत्रालय के आज एक समेकित संशोधित दिशानिर्देश जारी किए है जिसमे मंत्रालय ने देश में जारी कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में फंसे लोगों को एक बड़ी राहत दी है। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री व सैलानी अब अपने राज्यों को जा सकेंगे। हालांकि इसके लिए राज्य की सहमति की भी जरूरत होगी। गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुसार दूसरे राज्यों में जाने की इजाजत सिर्फ बसों के माध्यम से ही मिलेगी और घर पहुंचने के बाद उन्हें क्वारंटाइन में रहना होगा।
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इस निर्देश के अनुसार सभी राज्यों में फंसे हुए लोगों को भेजने व अपने यहां बुलाने के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त करने होंगे और मानक प्रोटोकॉल भी तैयार करना होगा। नोडल अधिकारी अपने राज्यों या केंद्र शासित क्षेत्रों में फंसे लोगों को पंजीकृत करेंगे। अगर फंसे हुए लोगों का समूह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना चाहता है, तो राज्य एक-दूसरे से परामर्श कर सड़क मार्ग से आवाजाही पर आपस में सहमत हो सकते हैं।
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 31787 हो गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1813 नए मामले सामने आए हैं और 71 लोगों की मौत हुई है। वहीं देश में कोरोना से अब तक 1008 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि अब तक 7797 मरीज इस बीमारी से ठीक भी हुए हैं।
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इस को देखते ही मुख्य्मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अपने फेसबुक अकाउंट में लिखा है कि “बाहरी प्रदेशों में फंसे उत्तराखंड वासियों की जल्द वापसी की तैयारी के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं, बाहर फंसा जो भी उत्तराखंडी अपने राज्य लौटना चाहता है, उसकी वापसी के लिए सभी मानकों के अनुसार उचित प्रबंध किए जाएंगे।”
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