देहरादून : देश में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आ रहे हैं। त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में सत्ता परिवर्तन का संकेत दिख रहा है, लेकिन सबसे चौंकाने वाले नतीजे त्रिपुरा से आए। शुरुआती रुझानों में त्रिपुरा में लेफ्ट और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर नजर आई। लेकिन अब बीजेपी गठबंधन आगे निकलकर सरकार बनाने की स्थिति में दिख रहा है। बीजेपी की इस आंधी में लेफ्ट का 25 साल का किला ढह गया।
रुझानों में बीजेपी को बहुमत मिलते ही कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय में होली मनानी शुरू कर दी। कार्यकर्ता लगातार खुशी में एक दूसरे को गुलाल लगा रहे हैं। मेघालय में कांग्रेस जरूर सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही है। लेकिन बीजेपी, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी मिलकर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। दिलचस्प बात यह है कि एनपीपी और यूडीएफ, दोनों ही केंद्र में एनडीए में शामिल हैं। ऐसे में बीजेपी, एनपीपी और यूडीएफ मिलकर सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल करते दिख रहे हैं।
2014 लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने बार-बार अपने भाषणों में नॉर्थ-ईस्ट का जिक्र किया। शनिवार को नॉर्थ-ईस्ट के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघायल और नगालैंड के नतीजे सामने आ रहे हैं। अभी तक मिले रुझानों से साफ है कि बीजेपी त्रिपुरा में भारी बहुमत के साथ अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है। नागालैंड वह सहयोगी पार्टियों के साथ सत्ता पाने में कामयाब हो सकती है, जबकि मेघायल में पेंच फंसा हुआ दिख रहा है। यहां बाजी किसी भी तरफ जा सकती है, क्योंकि पूरा खेल ‘अन्य’ पर निर्भर है। कुल मिलाकर मोदी-शाह की जोड़ी ने ‘कांग्रेस मुक्त’ अभियान के साथ लेफ्ट का किला (त्रिपुरा) भी ढहा दिया है। नॉर्थ ईस्ट की बात करें तो असम, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पहले से बीजेपी की सरकार है। त्रिपुरा में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने का रास्ता एकदम साफ है, जबकि नगालैंड में वह गठबंधन सरकार बना सकती। ऐसे में नॉर्थ ईस्ट के केवल एक राज्य मिजोरम में कांग्रेस की सरकार बची है और आज नतीजे आने के बाद वह मेघायल में सरकार बना सकती है। हालांकि, मौजूदा रुझानों को देखकर लगता है कि यहां भी कांग्रेस की राह आसान नहीं है।