देहरादून: कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार की निर्धारित गाइडलाइन की जानकारी देते हुए सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी द्वारा बताया गया है कि संक्रमित व्यक्ति की कान्टेक्ट ट्रेसिंग के संबंध मे प्रावधान है कि कान्टेक्ट का दो वर्गों में वर्गीकरण किया जाएगा। अधिक रिस्क वाले कान्टेक्ट और कम रिस्क वाले कान्टेक्ट।
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अधिक रिस्क वाले कान्टेक्ट की दशा में 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाईन किया जाएगा और आईसीएमआर के प्रोटोकोल के अनुसार टेस्ट कराया जाएगा। वहीँ कम रिस्क वाले कान्टेक्ट अपना कार्य पहले की तरह कर सकते हैं। 14 दिनों तक उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जाएगी।
अमित नेगी ने कहा की “कैबिनेट बैठक में मंत्रीगण व अधिकारी भारत सरकार के दिशा-निर्देशो के अनुसार कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के क्लोज कान्टेक्ट में न होने के कारण कम रिस्क वाले कान्टेक्ट के अंतर्गत आते हैं। इसलिए वे अपना कार्य सामान्य रूप से कर सकते हैं और उन्हें क्वारेंटाईन किए जाने की आवश्यकता नहीं है।”
आप को बतादें कि 29 मई को सतपाल महाराज कैबिनेट बैठक में मजूद थे। इस बैठक में कैबिनेट के साथ साथ अला अफसर भी मैजूद थे।कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के साथ साथ उनकी पत्नी व उनके पूरे परिवार में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है, जिस कारण मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद मंत्रियों और अधिकारियों को टेस्टिंग व क्वारेंटाईन होने की नौबत आयी है। यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है जिसे मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद मंत्रियों और अधिकारियों को समझना चाहिए, इसलिए जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, उन्हें स्वयं को क्वारेंटाईन करना चाहिए ताकि संक्रमण न फैले व समाज में पारदर्शिता बनी रहे।
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