नई दिल्लीः मी टू अभियान को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। हर दिन एक के बाद एक खुलासे सामने आ रहे हैं। नाना पाटेकर से शुरू हुआ यह कैंपने सबसे ज्यादा वर्तमान में विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर सबसे अधिक हमलावर हुआ है। उन पर सबसे ज्यादा आरोप लगे हैं। से आरोप उस वक्त के हैं, जब वे अखबार के संपादक थे। इधर, इस मामले में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने जांच कमेटी गठित करने की बात कही है।
मी टू पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि ऐसे मामलों की जन सुनवाई के लिए सेवानिवृत्त जजों की चार सदस्यीय समिति गठित की जाएगी जिसमें वरिष्ठ जज और कानूनी विशेषज्ञों वाली प्रस्तावित समिति मी टू से संबंधित सभी मामलों को देखेगी। इसके पहले, मी टू कैंपेन का समर्थन करते हुए केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा था कि ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज कराने के लिए समय सीमा की बाध्यता नहीं होनी चाहिए।
पिछले हफ्ते ही उन्होंने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर कहा था कि यौन शोषण से जुड़ी शिकायतें बिना किसी समय अवधि की बाध्यता के दर्ज होनी चाहिए। मेनका गांधी ने ये भी कहा था कि इससे कुछ लेना-देना नहीं है कि मामला कितना पुराना है, जो भी पीड़ित है वह नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर केस दर्ज करा सकता है और ईमेल द्वारा भी इसकी शिकायत दर्ज की जा सकती है।
जबकि इसके पहले, मेनका गांधी ने केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों पर क था कि उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। गांधी ने कहा था कि ऊंचे ओहदे पर बैठे पुरुष अक्सर ऐसा करते हैं। मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री एमजे एकबर पर 9 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है।
मी टू कैम्पेन के बाद एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की कई हस्तियों पर यौन शोषण के आरोप लगें हैं जबकि मीडिया से लेकर राजनीति के क्षेत्र से जुड़े कई बड़े नामों के सामने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। तनुश्री दत्ता द्वारा फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद देशभर की कई महिलाओं ने इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई है।