देहरादून: मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के साथ पीएमओ में गठित पीएमजी यानि प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में 3,846 करोड़ रुपये से बनने वाली तपोवन-विष्णुगाड (6×130 मेगावाट) जल विद्युत परियोजना, 208 करोड़ रुपए से बनने वाली किच्छा-खटीमा रेलवे लाइन, 105 करोड़ रुपये से बनने वाली देवबंद-रुड़की नई रेलवे लाइन, 605 करोड़ रुपए से बनने वाली काशीपुर-सितारगंज सड़क परियोजना और चारधाम मार्ग कनेक्टिविटी सुधारीकरण परियोजना के प्रगति की समीक्षा की गई।
चमोली जनपद में धौलीगंगा नदी पर बनने वाली तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के बारे में बताया गया कि ई.आई.ए. यानि एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट कराने के बाद एन.टी.पी.सी. को उप-खनिज निकासी की अनुमति दे दी जाएगी। किच्छा-खटीमा रेलवे लाइन के बारे में जानकारी दी गई कि रेलवे अधिकारियों द्वारा एलाइनमेंट के सर्वेक्षण का प्रस्ताव मिलने के बाद कार्यवाही की जाएगी। देवबंद-रुड़की रेलवे लाइन बनने से दिल्ली-देहरादून की दूरी 42 किलोमीटर कम हो जाएगी। इसके लिए उत्तराखण्ड सरकार ने भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्ण कर लिया है। केवल एक गांव का अधिग्रहण शेष है। इसके लिए धनराशि दो दिन में जारी कर दी जाएगी। इस लाइन पर होने वाला व्यय अब बढ़कर 791 करोड़ रूपये हो गया है। भारत सरकार से 50ः50 व्यय भार वहन करने का अनुरोध किया गया है। काशीपुर-सितारगंज मार्ग निर्माण के बारे में बताया गया कि 80 प्रतिशत सड़क का निर्माण हो गया है। 46 किलोमीटर पाइप लाइन को शिफ्ट कर दिया गया है। कुल 800 में से 126 स्ट्रक्चर शिफ्ट हो गए हैं। 11697 करोड़ रुपये से 889 किलोमीटर निर्माणाधीन चारधाम मार्ग कनेक्टिविटी सुधारीकरण परियोजना के बारे में जानकारी दी गई कि 4200 करोड़ रुपये की 396 किलोमीटर सड़कों की स्वीकृति मिल गई है। 371 किलोमीटर सड़कों का अवार्ड कर दिया गया है। 52 फारेस्ट क्लीयरेंस में से 45 प्रस्ताव अपलोड कर दिए गए हैं। 23 का स्टेज एक और 15 का स्टेज दो क्लीयरेंस मिल गया है। 856 किलोमीटर भू-अधिग्रहण करना है। 73 प्रतिशत भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही हो गई है। शेष भूमि का अधिग्रहण विभिन्न चरणों में है।