देहरादून: आयुर्वेदिक मेडिकल भर्ती परीक्षा पेपर में 2007 के जयपुर आयुर्वेद संस्थान की परीक्षा के पेपर के रिपीट होने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। मामले को लेकर परीक्षा में शामिल कई युवा यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के लिए पहुंच गए हैं। इधर यूनिवर्सिटी ने रातों-रात परीक्षा का स्कोर कार्ड भी वेवसाइट पर अपलोड कर दिया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विश्वविद्यालय परीक्षा को लेकर कितनी जल्दबाजी में है। सवाल यह उठता है कि रविवार को 12 बजे संपन्न हुए पेपर में शामिल सैकड़ों अभ्यर्थियों की आनसर-की को विश्वविद्यालय ने रातों-रात कैसे मैच कराकर स्कोर कार्ड जारी कर दिया।
अगर देखा जाए तो आमतौर पर ऐसा होता नहीं है। स्कोर कार्ड एक सप्ताह के भीतर अपलोड किया जाता है। जबकि विश्वविद्यालय ने कुछ ही देर में स्कोर कार्ड भी अपलोड कर दिया। रविवार को 12 बजे परीक्षा संपन्न हुई। उसके बाद कम से कम परीक्ष केंद्रों से आनसर सीट को विवि पहुंचाने में दो से तीन घंटे लगे होंगे। अगर तीन बजे भी आनसर सीट विश्व विद्यालय पहुंची होगी तो, विवि के पास ऐसी कौन सी मशीन थी, जिसने कुछ ही घंटों में सारे अभ्यर्थियों की आनसर सीटें मैच कर स्कोर कार्ड भी तैयार कर लिया। अभ्यर्थी इस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। इससे एक बात तो तय है कि परीक्षा में जरूर कुछ गड़बड़ हुई है। परीक्षा को लेकर चल रही चर्चाओं की मानें तो सभी सीटें पहले ही फिक्स कर ली गई थी। एक-एक सीट के लिए मोटी रकम लिए जाने की चर्चाएं भी चल रही हैं।
यह भी पढ़ें...http://www.hellouttarakhandnews.com/medical-questions-paper-repeated-from-the-old-paper-80-questions/
यहां देखें आंसर-की..http://web.uau.ac.in/
अभ्यर्थियों की यह भी आशंका है कि विश्व विद्यालय आनन-फानन में इंटरव्यू कराकर नियुक्ति प्रक्रिया भी पूरी कर चयनितों को नियुक्ति भी दे सकता है। उनकी मांग परीक्षा की जांच होने तक परिणाम घोषित नहीं करने के साथ ही परीक्षा का रद्द करने की भी है। अब देखना यह है कि विश्व विद्यालय और सरकार इस मामले में क्या निर्णय लेती है।