नैनीताल: हाईकोर्ट ने एमडीडीए को निर्देश दिए हैं कि, वह आज से दो साल के भीतर ट्रांसपोर्ट नगर देहरादून में राज्य पशु चिकित्सालय का निर्माण करे या एमडीडीए, राज्य सरकार को 12.24 करोड़ रूपये पशु चिकित्सालय बनाने के लिए दे। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, देहरादून निवासी गौरी मोलेखी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि, 1890 से डिपेंसरी रोड देहरादून में जिला पशु चिकित्सालय था। जिसमें प्रतिदिन दो सौ जानवरों का इलाज किया जाता था। याचिका में कहा कि, उस हॉस्पिटल का क्षेत्रफल 16 बीघा था। लेकिन एमडीडीए द्वारा इस अस्पताल को 2008 में तोड़ दिया और 28 अक्टूबर 2008 को एमडीडीए ने अपनी बोर्ड मीटिंग में यह निर्णय लिया था कि वह एक एकड़ भूमि और तीन करोड़ रूपया पशु चिकित्सालय बनाने के लिए पशु पालन विभाग को देंगे। लेकिन अभी तक उसका निर्माण नही हुआ। राज्य सरकार की ओर से शपथपत्र पेश कर बताया गया कि एमडीडीए पशु चिकित्सालय बनाने के लिए पशु पालन विभाग को एक एकड़ भूमि व तीन करोड़ रुपया दे रही थी। लेकिन वर्तमान समय में हॉस्पिटल निर्माण सामग्री महंगी होने के कारण अभी 12.24 करोड़ की आवश्यता है।राज्य सरकार का कहना था कि या तो हॉस्पिटल का निर्माण एमडीडीए खुद करे या फिर जमीन व स्वीकृत धनराशि सरकार को दे जिससे कि ट्रांसपोर्ट देहरादून में पशु अस्पताल का निर्माण हो सके। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एमडीडीए को निर्देश दिए हैं कि वह आज से दो साल के भीतर ट्रांसपोर्ट नगर देहरादून में राज्य पशु चिकित्सालय का निर्माण करे या एमडीडीए राज्य सरकार को 12.24 करोड़ रूपये पशु चिकित्सालय बनाने के लिए दे।