देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और मुख्य प्रचार समन्वयक धीरेंद्र प्रताप ने भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड शाखा के अध्यक्ष बंशीधर भगत के उस बयान को” उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” जैसा बताया है जिसमें उन्होंने प्रतिपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश को राज्य की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराए जाने की बात को “सफेद झूठ” बताया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि “यह बड़े अफसोस की बात है वैसे तो बंशीधर भगत रामलीला में दशरथ का रोल अदा करते हैं परंतु जो वक्तव्य उन्होंने दिया है उससे ऐसा लगता है कि वे रावण का रोल ज्यादा फिट बैठते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 40 साल की राजनीतिक जीवन में कभी इंदिरा हिरदेश पर झूठ बोलने का आरोप लगाने की किसी ने हिम्मत नहीं की परंतु केवल अखबारों में चर्चा में आने के लिए बंशीधर भगत ने घटिया मानसिकता से प्रेरित होकर इंदिरा हिरदेश जैसी वरिष्ठ नेता पर झूठा दोष रोपण करके यह जता दिया है कि वे भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद के काबिल नेता नहीं है।
उन्होंने कहा कि पहले भी भारतीय जनता पार्टी के कई अध्यक्ष रहे जिनमे भगत सिंह कोश्यारी, अजय भट्ट, तीरथ सिंह रावत जैसे सज्जन लोग पार्टी का नेतृत्व करते रहे परंतु उन्होंने कभी भी असंसदीय भाषा का उपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा ऐसा लगता है कोरोना मे बंशीधर भगत सठिया गए हैं और जनता का तो कुछ भला कर नहीं पा रहे तो कांग्रेस के शीर्ष नेता पर ही झूठे आरोप लगाकर अपने पद की गरिमा गिराने में लग गए है। उन्होंने बंशीधर भगत से नेता प्रतिपक्ष के विरुद्ध दिए गए अमर्यादित बयान के लिए माफी मांगने को कहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से कहा है वे इस मामले में स्पष्टीकरण दें कि कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हिरदयेश ने कोरोना के इस भीषण दौर में राज्य सरकार की मदद में कहीं पर भी कोई कमी की हो या कहीं पर भी गैर जिम्मेदाराना वक्तव्य देकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की हो। उन्होंने कहा भाजपा का किला ढह रहा है और उसी की चिंता में बंशीधर भगत अपना आपा खो बैठे हैं ।
उत्तराखंड कोरोना वायरस स्वास्थ्य बुलेटिन (COVID-19), 18/04/2020, विस्तार से
वहीँ भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के उस बयान को लेकर प्रतिपक्ष की नेता इंदिरा हिरदेश ने बोला है कि “भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मेरा नाम लेकर बयान दिया हैं कि में झूठ बोल को हुं। यह समय आरोप प्रत्यारोप का न होकर कोरोना संक्रमण के खिलाफ़ पूरे देश की जनता द्वारा लडाई लड़ने का है। प्रतिपक्ष द्वारा सरकार के सहयोग का यह प्रमाण है कि कार्यमंत्रणा समिति ने मेरे एवं हमारे प्रदेश अध्यक्ष द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया कि एक घण्टे के अन्दर ही सभी मदों को एक साथ बोलकर बजट पास कर दिया जाये। एक घण्टे में ही बजट पास कर सदन को अनिश्चितकाल कं लिये स्थगित कर दिया गया। आप लम्बे समय तक विधायक और मंत्री रह चुकं है। आपको यह भी विदित है जि झूठ शब्द असंसदीय होता है। सदन में इस शब्द को बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। मैं मुख्यमंत्री की आभारी हूं जो इस संकट काल में मेरे सुझावों को गम्भीरता से लेते है और सम्भव रामाधान करते है। भगत को यह भी याद होया कि मुख्यमंत्री बनाने के बाद पहले ही दिन उन्होंने सदन ने यह बयान दिया कि इंदिरा सदन की सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं, हमें इनसे सीखने की आवश्यकता है, लड़ने की नहीं और वह यहीं व्यवहार भी करते है। इस तरह का बयान देने से पहले भगत को मुझसे अथवा मुख्यमंत्री से वार्ता कर लेनी चाहिए थी। यह समय किसी भी प्रकार का श्रेय लेने का नहीं हें। मैं अपने सुझाव यदा कदा देती रहती हूँ और मुख्यमंत्री सकारात्मक उत्तर भी देते है। इसलिये में भगत को आमंत्रित करती हूं कि जव में मुख्यमंत्री से वार्ता करूँ तो वह स्वय या अपने प्रतिनिधि को उस वार्ता को सुनने कं लिये उपलब्ध करायें। मुझे इस प्रकार के बयान से बहुत कष्ट पहुंचा हैं। मैं अपने 50 वर्ष के विधायी जीवन है इस तरह की बात पहली बार सुन रही हुं।”