देहरादून: ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के क्रियान्वयन में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखण्ड अग्रणी पंक्ति के राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो गया है। वर्ष 2017-18 में मनरेगा योजनान्तर्गत राष्ट्रीय स्तर पर घोषित पुरस्कारों की विभिन्न श्रेणियों में से उत्तराखण्ड को 5 श्रेणियों में पुरस्कार हेतु चुना गया है। कर्मचारियों की कमी, आपदाओं की बारम्बारता के कारण दूर संचार प्रणाली सुचारू न रहने आदि कठिनाईयों के बावजूद यह प्रदर्शन सराहनीय है।
गौरतलब है कि मनरेगा योजना शत-प्रतिशत कम्प्यूटरीकृत प्रणाली पर आधारित है और 15 दिन के भीतर काम देना और मजदूरी का भुगतान करना होता है अन्यथा बेरोजगारी भत्ता और बिलम्ब भुगतान हेतु प्रतिकर दिये जाने का प्राविधान है। भौगोलिक और तकनीकी कठिनाइयों को दरकिनार करते हुए श्रमिकों को 15 दिन के भीतर मजदूरी भुगतान करने में सुविधा सम्पन्न मैदानी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखण्ड ने देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है इसी प्रकार प्रारम्भ कार्यों को पूर्ण करने में भी उत्तराखण्ड देशभर में दूसरे स्थान पर है। कार्यों में पारदर्शिता लाने, दोहराव को रोकने एवं जनसामान्य के सम्प्रेक्षण हेतु उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से प्रत्येक कार्य की जियो टैगिंग करने की प्रक्रिया में अच्छा कार्य करने हेतु प्रदत्त जियो मनरेगा पुरस्कार की श्रेणी में जनपद चम्पावत को द्वितीय स्थान मिला है। कुशल क्रियान्वयन हेतु जनपद देहरादून के विकासखण्ड चकराता की ग्राम पचांयत सैंज को एवं दूरस्थ गांवों को पोस्ट ऑफिस खातों के जरिये ससमय मजदूरी भुगतान करने में सराहनीय कार्य करने के लिए श्री गब्बर सिंह, ग्रामीण डाक सेवक झिंझोनी, जनपद चमोली को पुरस्कार प्रदान किया गया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें आवास विहीन पात्र ग्रामीण परिवारों को पारदर्शी चयन प्रक्रिया के उपरान्त आवास निर्माण हेतु 1.30 लाख की सहायता राशि प्रदान की जाती है और मनरेगा से 95 मानव दिवस केन्द्राभिसरण के अन्तर्गत अनुमन्य किये जाते हैं। हिमालयी एवं उत्तर पूर्वी राज्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड राज्य को 4 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुये हैं। इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत मनरेगा सहित अन्य योजनाओं में आवास योजना के कुशल केन्द्राभिसरण में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। लक्ष्य के सापेक्ष सर्वाधिक पूर्ण किये गये आवासों की श्रेणी में दूसरा और सम्पूर्ण क्रियान्वयन में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार जनपदीय श्रेणी में जनपद रुद्रप्रयाग को योजना के सम्पूर्ण क्रियान्वयन में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। पुरस्कार वितरण समारोह दिनांक 11 सितम्बर 2018 को नई दिल्ली में सम्पन्न होगा।
कठिन परिस्थितियों के बावजूद उपरोक्त दोनों योजनाओं में राज्य के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में ग्राम्य विकास विभाग के ग्राम विकास अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला विकास अधिकारी तथा जनपद के मुख्य विकास अधिकारियों और जिलाधिकारियों के कुशल क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण का योगदान तो रहा ही किन्तु राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव राम बिलास यादव के कुशल मार्गदर्शन और निरन्तर अनुश्रवण का इसमें विशेष योगदान रहा जिन्होनें मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, जो मा॰ मंत्री, ग्राम्य विकास विभाग भी हैं, के कुशलतम नेतृत्व में ग्राम्य विकास विभाग एवं मा॰ प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी योजनाओं हेतु विशेष प्रयास किये। मुख्यमंत्री द्वारा समय-समय पर दिये ये निर्देशों के क्रम में किये गये सुधारों एंव निरन्तर प्रयासों के फलस्वरूप उत्तराखण्ड राज्य राष्ट्रीय फलक पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सफल रहा।
प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार एवं सचिव ग्राम्य विकास श्री पंकज कुमार पाण्डेय का कहना है कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में आगे भी इसी प्रकार के उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रयास किया जायेगा।