देहरादून: मलिन बस्तियों के मुद्दे पर भाजपा व कांग्रेस लगातार एक-दूसरे पर हमलावर हो रहे हैं। जहाँ भाजपा इस मुद्दे पर हाई कोर्ट का हवाला दे रही है तो वहीँ कांग्रेस सरकार पर हाई कोर्ट के आदेश की आड़ में गरीबों के घर उजाड़ने का आरोप लगा रही है।
मामले में हरीश रावत ने कहा कि, कांग्रेस सरकार ने इसके समाधान के लिए अक्टूबर 2016 में एक एक्ट बनाया था, जिसके अनुसार सरकार द्वारा लोगों को पट्टे तक आवंटित कर दिए गये थे। लेकिन भाजपा सरकार ने उस एक्ट को लागू नहीं किया। साथ ही उन्होंने कहा कि, भाजपा सरकार ने इस तथ्य को जानबूझकर कोर्ट में पेश नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, भाजपा सरकार की मंशा है कि, एक बार जगह खाली हो जाये तो फिर वे अपने मनमाने ढंग से इनको आवंटित कर सकें।
वहीं भाजपा प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि मलिन बस्तियों में अतिक्रमण हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी द्वारा जो आरोप सरकार पर लगाये गये हैं, वह निराधार हैं। क्योंकि मलिन बस्तियों के निवासियों को गुमराह करने का काम पिछली कांग्रेस सरकार ने किया और मलिन बस्ती सुधार, पुनर्वास, पुनर्स्थापना एवं अतिक्रमण निषेध विधेयक 2016 को केवल एक चुनावी सगूफे के रूप में प्रचारित-प्रसारित किया गया। क्योंकि इस अधिनियम के तहत जो व्यवस्थायें की गई उसके अनुसार सैकड़ो मलिन बस्तियों के हजारों गरीब निवासियों में से केवल 36 लोगों को ही लाभान्वित किया जा सकता है। इस प्रकार इस अधिनियम और इसके तहत बनाये गये नियम मलिन बस्ति वासियों के साथ एक मजाक है।
वहीँ इसे लेकर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि, इस मामले में हाईकोर्ट जाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही कहा कि, दिल्ली सरकार द्वारा 2006 में बनाये गये नियम की तर्ज पर उत्तराखंड में भी इस तरह का नियम बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।