देहरादून: हमारे देश में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व है, जिसे हर साल जनवरी के महीने में धूमधाम से मनाया जाता है। आने वाले रविवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। शब्द संक्रांति सूर्य के संक्रमण यानि राशि परिवर्तन से बना है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य, शनि की राशि मकर में प्रवेश करके 2 माह तक शनि की राशि मकर व कुंभ में रहते हैं। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर अग्रसर होकर दिनों को प्रकाशमाय करता है। इसी दिन से धनुमास व दक्षिणायन समाप्त होकर उत्तरायण शुरू होता है।
शास्त्रों में दक्षिणायण को नकारात्मक याने देव रात्रि व उत्तरायण को सकारात्मक याने देव दिवस मानते हैं। रविवार यानि 14 जनवरी को मकर संक्रांति पुण्यकाल मुहूर्त दिन 14:00 से शाम 17:41 तक रहेगा। संक्रांति पल दिन 14:00 पर होगा। महापुण्य काल मुहूर्त दिन 14:00 से दिन 14:24 तक रहेगा। इस मकर संक्रांति का नाम राजसी है व यह जीवों हेतु कर्मफलदायी रहेगी। संक्रांति पर पीले वस्त्र पहनें धनुष व ध्वजा धारण किए है। इसकी सवारी हाथी पर बैठकर आएगी व बैल पर बैठकर जाएगी। जिससे यह आम जनमानस को कर्मठ बनाएगी। शास्त्रनुसार मकर संक्रांति पर दिए गए दान से सहस्त्र गुणा फल देता है। इस दिन सूर्य के विशेष पूजन उपाय व दान से, कार्यक्षेत्र में तरक्की मिलती है, पारिवारिक संबंध सुदृढ़ होते हैं, आमदनी में बढ़ोत्तरी होती है।