नई दिल्ली: गुरुवार को 10 गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य कुमार को राष्ट्रपति भवन में सर्वोच्च वीरता पुरस्कार शौय चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेजर आदित्य को इस सम्मान से नवाजा। आपको बता दें कि मेजर आदित्य, जम्मू कश्मीर के शोपियां में विरोध प्रदर्शन कर रहे पत्थरबाजों पर फायरिंग के बाद खबरों में आए थे। सेना को पत्थरबाजों को काबू में करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी थी और इस घटना में तीन नागरिकों की मौत हो गई थी और जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से मेजर आदित्य के साथ उनकी यूनिट को आरोपी बनाया गया था। 30 जुलाई 2018 को को सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य के खिलाफ जारी सभी तरह की जांच पर रोक लगा दी।
नवंबर 2017 में ढेर किए चार आतंकी
नवंबर 2017 में कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ हुए एक एनकाउंटर को मेजर आदित्य ने लीड किया था। मेजर आदित्य ने अदम्य बहादुरी और क्षमता का परिचय देते हुए चारों आतंकियों को मार गिराया था। जनवरी 2018 में एक जेसीओ की जान भीड़ से बचाने के लिए मेजर आदित्य को हवा में फायरिंग करनी पड़ी थी। इस घटना में दो नागरिकों की मौत हो गई थी। उनके खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए और मेजर आदित्य समेत उनकी यूनिट पर राज्य सरकार ने एक एफआईआर दर्ज करा दी।
तीन आतंकी ढेर करने वाले मेजर तुषार को कीर्ति चक्र
मेजर आदित्य के अलावा 20 जाट रेजीमेंट के मेजर तुषार गाउबा को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। मई 2018 में मेजर तुषार ने कुपवाड़ा सेक्टर में एलओसी पार करके देश में दाखिल हुए तीन पाक आतंकियों को ढेर किया था। मेजर आदित्य और मेजर तुषार के अलावा सेना के 12 ऑफिसर्स और जवानों समेत सीआरपीएफ के ऑफिसर्स को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
क्या है शौर्य और कीर्ति चक्र
शौर्य चक्र भारत का शांति के समय वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को उनकी असाधारण वीरता या फिर असाधारण बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है। वरीयता में यह कीर्ति चक्र के बाद आता है। मेजर आदित्य के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। ले.कर्नल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने बेटे के खिलाफ जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से याचिका को खारिज करने की मांग की थी।
#WATCH #PresidentKovind presents Shaurya Chakra to Major Aditya Kumar, 10th Batallion, Garhwal Rifles for displaying meticulous planning and gallant action during an operation that eliminated four terrorists in Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/Z4WmFKWWyY
— ANI (@ANI) March 14, 2019
मेजर आदित्य पर दायर हुई थी 302 के तहत एफआईआर
मेजर आदित्य के पिता ले.कर्नल सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि इस तरह की एफआईआर से उन सैनिकों के मनोबल पर नकारात्मक असर पड़ता है जो खराब हालातों में अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं और देश के लिए अपनी जान गंवा रहे हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस ने मेजर आदित्य और उनकी यूनिट के खिलाफ धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की है। शोपियां के गान्वपोरा गांव में पत्थरबाजी करने वाली भीड़ पर सेना को गोलियां चलानी पड़ गई थीं।