नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रामलीला मैदान में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के समापन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनवाई, और एकबार फिर सत्ता में वापसी का दावा किया। वहीं विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ एक आदमी को रोकने के लिए गठबंधन हो रहा है लेकिन ये तो ट्रेलर है, फिल्म बाकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। हम इस बात पर गर्व कर सकते हैं। पिछले साढ़े चार साल में भाजपा के नेतृत्व में जिस तरह हमारी सरकारें चली है, उससे जनमानस में यह भाव स्थापित हुआ है कि देश को ऊंचाई पर अगर कोई दल ले जा सकता है तो वह सिर्फ और सिर्फ भाजपा है।
2019 में देश में मजबूत सरकार की वकालत करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ हम मजबूत सरकार चाहते हैं ताकि किसानों को फसलों का उचित दाम मिलें, वो (विपक्ष) मजबूर सरकार चाहते हैं ताकि यूरिया घोटाला किया जा सके।’
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आयुष्मान भारत जैसी मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली योजनाएं चलाई जा सके, लेकिन वे ऐसी सरकार चाहते हैं ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में घोटाला किया जा सके, एंबुलेंस घोटाला किया जा सके। कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों पर प्रहार जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसी मजबूत सरकार चाहते हैं जो देश की सेना की हर जरूरत को पूरा कर सकें, किसानों को सशक्त बनाए, लेकिन वो ऐसी मजबूर सरकार चाहते हैं ताकि रक्षा सौदों में दलाली खाई जा सके, किसानों की कर्जमाफी में भी घोटाला कर सकें।
वहीं गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सब मिलकर एक मजबूर सरकार बनाना चाहते हैं ताकि उनकी दुकान चलती रहे। वो मजबूर सरकार चाहते हैं, लेकिन जनता मजबूत सरकार चाहती है ताकि देश के किसान सशक्त हो सकें। उनका रास्ता दलों को जोड़ना है हम देश की जनता का दिल जोड़ना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सामान्य श्रेणी के गरीब युवाओं को शिक्षा और सरकारी सेवाओं में 10% आरक्षण नए भारत के आत्मविश्वास को आगे बढ़ाने वाला है। यह सिर्फ आरक्षण ही नहीं है बल्कि एक नया आयाम देने की कोशिश है। जब हम किसानों की समस्या के समाधान की बात करते हैं तो पहले की सच्चाइयों को स्वीकार करना जरूरी है। पहले जिनके पास किसानों की समस्याओं का हल निकालने का जिम्मा था, उन्होंने शॉर्टकट निकाले, उन्होंने किसानों को सिर्फ मतदाता बनाकर रखा। हम अन्नदाता को ऊर्जादाता भी बनाना चाहते हैं।