इंदौर: मध्यप्रदेश में चुनावी चहलकदमी तेज हो गई है। 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों के बीच धार्मिक नगरी उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी सियासत का रंग चढ़ने लगा है। प्रमुख सियासी पार्टियों के आलाकमान के पहुंचने का सिलसिला जारी है। महाकाल के दरबार में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी भगवान शिव के इस पवित्र स्वरूप के दर्शन के लिये पहुंचें। उन्होंने महाकाल की पूजा-अर्चना की।
राहुल गांधी महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद सत्तारूढ़ भाजपा की मजबूत पकड़ वाले मालवा-निमाड़ अंचल में अपने दो दिवसीय चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक वह उज्जैन के साथ ही क्रमशः झाबुआ, इंदौर, धार, खरगोन और महू में भी चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। भाजपा शासित सूबे में पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान राहुल अलग-अलग मंदिरों में दर्शन के लिये पहुंचे हैं।
इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लगाये गये कुछ पोस्टरों में उन्हें शिव भक्त बताया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष के धार्मिक अवतार को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा के उन पर निशाना साधने पर कपूर ने कहा, राहुल शिव भक्ति की अपनी विशुद्ध भावना से महाकाल मंदिर पहुंच रहे है। क्या भगवान शिव की भक्ति का अधिकार केवल भाजपा नेताओं को है? शिव सबके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने राहुल के धार्मिक अवतार पर फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से भाजपा पर धर्म की राजनीति का झूठा आरोप लगाया जाता रहा है।
अब राहुल जवाब दें कि उन्हें चुनावी बेला में क्यों मंदिर-मंदिर घूमना पड़ रहा है? कांग्रेस अध्यक्ष यह भी बताएं कि कई बार मध्यप्रदेश आने के बावजूद वह और उनकी माता सोनिया गांधी महाकाल दर्शन के लिये पहले क्यों नहीं गये? झा ने कहा, राहुल चुनावी फायदे के लिये धार्मिक व्यक्ति होने का ढोंग कर रहे हैं। लेकिन जनता उनकी असलियत जानती है। इस बीच, कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि योजना बनायी गयी थी कि राहुल को इंदौर जिले की जानापाव पहाड़ियों में स्थित भगवान परशुराम की जन्मस्थली भी ले जाया जाएगा।