उत्तरप्रदेश: उत्तरप्रदेश के मदरसों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने नया आदेश जारी किया है। योगी सरकार ने आदेश दिया है कि दूसरे धर्मों के त्योहारों पर भी मदरसों को बंद रखा जाए।
बीते मंगलवार को योगी सरकार यूपी के मदरसों के लिए छुट्टियों का नया कैलेंडर लेकर आई है। इस कैलेंडर के मुताबिक मदरसों के अधिकार में रहने वाली छुट्टियों को कम कर दिया गया है। इससे पहले यूपी के मदरसे आमतौर पर होली और अंबेडकर जयंती को छोड़कर मुस्लिम त्योहारों में ही बंद रहते थे। छुट्टी के नये कलेंडर में मदरसे में भी महावीर जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, रक्षा बंधन, महानवमी, दीपावली, दशहरा और क्रिसमस को अवकाश घोषित किया गया है। मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार नये कैलेंडर में जहां 7 नयी छुट्टियां जोड़ी गईं है, वहीं मदरसों के अधिकार में रहने वाली 10 छुट्टियां, जिन्हें ईद-उल-जुहा और मुहर्रम पर लिया जाता था, को घटा कर 4 कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के मदरसों ने सरकार के इस कदम पर नाराजगी जताई है। यूपी मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने सरकार के इस कदम के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘पहले 10 दिन की छुट्टियां मदरसों के अधिकार में होती थीं, लेकिन इसे अब पहले से निर्धारित कर दिया गया है और अब महापुरुषों के जन्मदिन पर छुट्टी घोषित की गई है, विद्यार्थियों के लिए यह जरूरी है कि वह इन महापुरुषों के बारे में जानें।’ उन्होंने कहा कि ऐसा करने का मकसद मदरसों को बेसिक स्कूल एजुकेशन के बराबर करने के उद्देश्य से भी किया गया है।
सरकार के इस फैसले पर इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संगठन के अध्यक्ष एजाज अहमद ने कहा कि मदरसों के अधिकार में आने वाली 10 छुट्टियों को कम करना एकदम गलत है। उन्होंने कहा कि मदरसा धार्मिक संस्थान हैं जहां पर अल्पसंख्यकों के अलग-अलग त्योहारों पर छुट्टियां देनी जरूरी होती है, पहले विवेकाधीन छुट्टियों का इस्तेमाल यहीं पर होता था।’ गौरतलब है कि योगी सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए कई कदम उठा रही है।
वहीँ हैलो उत्तराखंड न्यूज़ से बात करते हुए उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार अखबाक अहमद अंसारी ने कहा कि अगर उत्तराखंड सरकार भी इस तरह की योजना बनती है तो बोर्ड उसका पूरी तरह से स्वागत करेगा।