देहरादून: विकासनगर- मोर्चा कार्यालय में सोमवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि जिस प्रकार देश आर्थिक मन्दी की मार झेल रहा है ऐसे परिपेक्ष्य में सरकार को मध्यमवर्गीय किसानों एवं व्यापारियों का कर्ज माफ कर राहत दी जानी चाहिए।
नेगी ने कहा कि प्रदेश के गैरजिम्मेदार मुखिया (मुख्यमन्त्री) की उदासीनता एवं नकारापन की वजह से प्रदेश में विकास कार्य और उससे जुड़े रोजगार समाप्त हो गये हैं। सरकार आज भी प्रदेश के किसानों के हक एवं उनके कल्याण के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना पायी है, जिस कारण किसान खेती एवं उससे जुड़े अन्य व्यवसायों से विमुख होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकांश जगह जंगली जानवरों द्वारा फसल नष्ट किये जाने से परेशान किसान अपनी दुर्दशा को उभराने के फेर में कर्ज पर कर्ज ले रहा है। इसी प्रकार मध्यमवर्गीय व्यापारियों के सामने भी रोजगार न चलने की वजह से कर्ज लेना ही एकमात्र सहारा रह गया है और कर्ज चुकाने के लिए भी फिर कर्ज का सहारा लेना पड़ता है, जिस कारण आज व्यापारियों पर संकट गहरा रहा है।
नेगी ने कहा कि अन्य प्रदेशों में जहां कांग्रेस की सरकार सत्ताशीन है उस प्रदेश में किसानों का कर्ज माफ हो रहा है, लेकिन प्रदेश की सरकार अपनी जेबें भरने के चक्कर में सरकार को करोड़ों रूपया राजस्व का चूना लगा रही है साथ ही जो राजस्व सरकारी खजाने में आना चाहिए, वो मुखिया एवं उनके गुर्गों की जेब में जा रहा है।
उन्होंने बताया कि त्रिवेन्द्र सरकार जहां बाजार से लगातार 8-9 प्रतिशत पर ऋण लेकर कर्मचारियों का वेतन एवं विधायकों आदि के वेतन भत्तों एवं उनके ऐशो-आराम पर खर्च कर रही है, वहीं कुछ और कर्ज लेकर सरकार किसानों एवं व्यापारियों का कर्ज माफ कर सकती है।