नई दिल्ली: लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा जारी है। इस बीच बताया जा रहा है कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी अधीर रंजन चौधरी से नाराज हैं। इतना ही उन्होंने अपनी नाराजगी अधीर रंजन तक भी पहुंचाई है।
दरअसल, राज्यसभा की तरह लोकसभा में भी कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल और धारा 370 कमजोर किए जाने का विरोध किया है। लोकसभा में कांग्रेस के सदन नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिल के पेश किए जाने का विरोध किया। अधीर रंजन ने कहा कि, 1948 से लेकर अभी तक जम्मू-कश्मीर के मसले पर संयुक्त राष्ट्र (UN) निगरानी कर रहा है, ऐसे में ये आंतरिक मामला कैसे हो सकता है।
इस दौरान सोनिया गांधी अधीर रंजन के बगल में बैठकर ये सब देख रही थीं और उनकी बात सुन रही थीं, लेकिन जब अधीर रंजन ने ‘संयुक्त राष्ट्र’ वाली बात कही तो सोनिया गांधी चौंकती हुई दिखाई दीं, वह पीछे की ओर पलटीं और पीछे की पंक्ति में बैठे पार्टी के नेताओं की तरफ कुछ इशारा किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनिया गांधी ने इसको लेकर अधीर रंजन से नाराजगी जाहिर कर बात भी की है।
हालांकि, सोनिया गांधी ने मनीष तिवारी के भाषण की तारीफ की है और कहा है कि मनीष तिवारी ने पार्टी के पक्ष को सही तरीके से पहुंचाया है।
मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा, जम्मू-कश्मीर का भारत में किसी ने विलय किया था, तो वो जवाहरलाल नेहरू की सरकार थी, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाया। संविधान की धारा 3 के अनुसार, किसी भी राज्य की बाउंड्री से छेड़छाड़ से पहले यह जरूरी है कि उस राज्य से परामर्श जरूरी है। अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा है नहीं और संसद से कहा जा रहा है कि खुद से राय-मशविरा कर लें।
मनीष तिवारी ने आगे सवाल उठाते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर पर संसद कैसे खुद फैसला ले सकती है, जब वहां की विधानसभा भंग है। आज आप धारा 370 समाप्त कर रहे हैं तो पूर्वोत्तर के राज्यों को क्या संदेश भेज रहे हैं, कल क्या सरकार 371 को भी समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान है, जो 26 जनवरी 1957 को लागू हुआ था। अब उस संविधान का क्या होगा, क्या उसे खारिज करने के लिए विधेयक लाया जाएगा। मनीष तिवारी ने साथ में ये भी कहा कि, जो आज सदन में हो रहा है वो संवैधानिक त्रासदी है।