पिथौरागढ़: सरकार के निर्देशों पर राज्य के प्रत्येक जिलों में लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए जनता दरबार का आयोजन किया जाता है। इस जनता दरबार में कई फरियादी अपनी शिकायतों को लेकर पहुंचते हैं लेकिन इस बीच उन्हें अधिकारियों से मात्र आश्वाशन के अलावा कुछ नहीं मिल पाता है। फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर बार बार जनता दरबार के चक्कर काटते रहते है लेकिन अधिकारी इस तरफ केवल खानापूर्ती करते नजर आते हैं।
हाल ही में एक ऐसा वाक्य सामने आया है, जिसमें लोगों ने सरकार को जनता दरबार को बंद करने की हिदायत दी है। दरअसल, पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय में प्रत्येक सोमवार को जनता दरबार का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में आज भी यहां लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए जनता दरबार लगाया गया। जहां कई फरियादी अपनी शिकायतों को लेकर पहुंचे। इस दौरान जनता दरबार कार्यक्रम में जिले स्तर के सभी विभागों के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। जनता दरबार में 41 लोगों ने अपनी समस्याओं को अधिकारियों के सामने रखा। लेकिन अधिकारियों ने उन्हें आश्वाशन देकर लौटा दिया। इस दौरान जनता दरबार में अपनी समस्याओं का समाधान करने आये दो लोगों ने कहा कि वो इस जनता दरबार में पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर लगातार आ रहे हैं। लेकिन अधिकारी समस्याओं का समाधन करना छोड़ अगले सोमवार का आश्वासन देते हैं। बावजूद किसी की भी समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता हैं।
वहीं अपनी समस्याओं के समाधान को लेकर आने वाले लोगों का कहना है कि, जब इस जनता दरबार में कुछ काम ही नहीं होते हैं और ना ही किसी कि समस्या का समाधान किया जाता है तो सरकार को इस जनता दरबार को बंद कर देना चाहिए। वहीं इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी ने कहा कि जनता दरबार में पहुंचे लोगों में से अधिकांश समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण निर्धारित समय पर किया जाता है।