हरिद्वार। राज्य का दूसरा सबसे ज्यादा राजस्व अर्जन वाला जगजीत पुर शराब का ठेका एक बार फिर खुल गया है। इसके खुलते ही यहां स्थानीय लोगों का जोरदार विरोध भी शुरू हो गया जो कि दूसरे दिन भी जारी रहा। ठेके के आसपास घनी आबादी के साथ नजदीक में स्कूल होने के कारण स्थानीय लोग ठेके के विरोध में उतर आए हैं। पुलिस व आबकारी प्रशासन तमाम कोशिशों के बाद भी ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों ने ठेका बंद होने पर आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी है।
वहीं आज मातृ सदन के स्वामी शिवानंद भी खुलकर ठेके के विरोध में धरना स्थल पहुंचे और 24 घंटे के भीतर ठेका बंद न होने पर सरकार को उग्र आंदोलन के लिए चेताया।
जगजीत पुर शराब का ठेका प्रदेश का सबसे विवादित ठेका माना जाता है। इसी ठेके से प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व भी प्राप्त होता है, आबकारी विभाग की ओर डेलीवेज के आधार पर शराब की दुकान को खोलने की अनुमति के बाद इसका इसलिए विरोध शुरू हो गया कि यह आवासीय काॅलोनी तथा स्कूल के पास ही संचालित किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग की मनमानी के चलते स्कूल और काॅलोनी के बीच ठेका खुला है जो कि निर्धारित स्थान से एक दम गलत जगह है। इसके विरोध में बीते शनिवार से ही महिलाएं, स्कूली बच्चे दुकान के समक्ष धरने पर बैठ विरोध जता रहे हैं। पांच महीने पहले यह ठेका विरोध के चलते बंद हुआ था। आबकारी विभाग का इस शराब ठेका स्वामी पर 6 करोड़ रूपए बकाया भी चल रहा है। विभाग की मानें तो दुकान स्वामी को नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2002 में राज्य सरकार ने एक शासनादेश जारी किया था जिसमें धार्मिक स्थलों की नगरपालिका अथवा नगर निगम से डेढ़ किमी दूर शराब का ठेका होना चाहिए, लेकिन विभाग खुद ही इस शासनादेश की अवहेलना कर रहा है।