चमोली : जहाँ एक ओर पूरा देश गणतंत्र दिवस की ख़ुशी मना रहा था वहीँ चमोली के गंडासू गांव के लोग नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दे रहे थे। चमोली के जगदीश प्रसाद पुरोहित आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गये थे। 20 जनवरी को आतंकियों से लोहा लेते हुए वे घायल हो गए थे। बाद में इलाज के दौरान 22 जनवरी को उन्होंने प्राण त्याग दिए।
शहीद जगदीश का पार्थिव शरीर गुरुवार को सेना के हेलीकॉप्टर से गोपेश्वर लाया गया था। वहां से शहीद को वाहन के ज़रिए गांव लाया गया। आज सुबह नंदाकिनी नदी के तट पर उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई। यहां उनके अंतिम दर्शन के लिए पूरा गांव और आसपास के इलाकों के लोग उमड़ पड़े। वीर सपूत जगदीश प्रसाद पुरोहित की शान में नारे भी लगे। परिवार और सैकड़ों लोगों ने शहीद जगदीश प्रसाद को सलाम किया। महार रेजिमेंट के 34 वर्षीय नायक जगदीश प्रसाद पुरोहित के परिवार में उनकी पत्नी सहित एक ढ़ेड वर्ष का बेटा व पांच वर्ष की बेटी है।