रूद्रप्रयाग: रूद्रप्रयाग जनपद की सबसे बड़ी पेयजल योजना एक बार फिर से विवादों में आ गई है। स्वयं पेयजल निगम के प्रबन्ध निदेशक ने संज्ञान लेकर पांच इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिलाधिकारी ने भी स्वंय योजना का निरीक्षण कर स्वीकारा है कि योजना में कई अनिमियितायें हैं।
जल निगम और जलसंस्थान के लिए कामधेनु बन चुकी तल्ला नागपुर पेयजल योजना के भ्रष्टाचार का जिन्न एक बार फिर से बोतल से बाहर आ गया है। इस बार स्वयं प्रबंध निदेशक जल निगम ने इसका संज्ञान लिया और जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग की सिफारिश पर योजना की बृहद स्तर पर जांच करवाई जिसमें शिकायतें सही पायी गयी और पांच अभियंताओं के विरुद्ध नोटिस जारी कर दिये गया है।
वर्ष 2011-12 में स्वीकृत हुई तल्ला नागपुर पेयजल योजना लगभग 28 ग्राम पंचायतों के 40 रेवन्यू गांव और 94 बस्तीयों की 40 से 50 हजार आबादी के लिए शासन ने स्वीकृत की थी। जो इतने वर्षो तक विवादों में रहीं। आज भी ग्रामीण एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं और सरकारी इंजीनियरों के लिए यह काम धेनु बनी हुई है। अब एक बार फिर से विवादों में यह योजना आ गयी है। इस योजना के लिए पहले तो 23 करोड़ रूपये स्वीकृत किये थे लेकिन बाद में कई वर्षो तक इसकी लागत बढती गयी। 2013 में इस येाजना का इनटेक वॉल्व मंदाकिनी नदी में बना टैंक बह गया जिसके बाद फिर सरकार द्धारा टैंक के लिए धन दिया गया जो विवादों में रहा। ग्रामीणों की शिकयत करने पर जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग ने स्वंय टैकों का निरीक्षण किया और उन्होंने स्वीकार किया कि बहुत सारी अनियमितताएं इस येाजना पर निरीक्षण के दौरान मिली हैं।
प्रथम दृष्टया निगम के तीन अधिशासी अभियन्ताओं,एक सहायक और एक जूनियर अभियन्ता को प्रबंधक निर्देशक ने नोटिस जारी किया हैं अब यह देखना होगा कि यह केवल कागजी कार्यवाही होती है या फिर बड़ी मछलियों तक भी आंच आती है। अगर बडी कार्यवाही होती है तो निश्चित तौर पर ग्रामीणों को कुछ हद तक राहत जरूर मिलेगी।