हल्द्वानी: उत्तराखण्ड में हल्द्वानी के नगर निगम ने पिछले पांच वर्षों में कूड़ा निस्तारण पर 146 करोड़ रुपया खर्च कर दिया, जबकि कूड़ा हल्द्वानी से गौलापार के ट्रेंचिंग ग्राउंड तक ही पहुँच सका है। नगर निगम कार्यालय से मांगी गई सूचना के आधार पर कूड़ा वाहनों के रख-रखाव पर 5 वर्षों में खर्च होने वाली भारी भरकम 64 करोड़ से अधिक की धनराशि का खुलासा हुआ है। इतना ही नहीं इनके ईंधन में, इतने ही समय में करीब 82 करोड़ का ईंधन लगा है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत हल्द्वानी निवासी हेमंत गौनिया ने तीन जनवरी को नगर निगम में पत्र लिखकर निगम में प्रयुक्त होने वाली कूड़ा गाड़ियों के बारे में चार बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। नगर निगम कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने 5 फरवरी को जवाब देकर आवेदक को बताया है कि, नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम में कुल 54 कूड़ा वाहन हैं। इन वाहनों ने पांच वर्षों में अनुमानित डेढ़ लाख टन कूड़ा उठाया है, जिसे गौलापार स्थित ट्रेन्चिंग ग्राउंड में डाला गया है।
आरटीआई के अंतर्गत बताया गया है कि, इन 54 कूड़ा वाहनों में प्रतिदिन 130 लीटर ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही सूचना दी गई है कि इन गाड़ियों के कुलपुर्जे और टायरों को बदलने में निम्नवत खर्च किया गया है। सूचना अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2013-14 -6,75,985, वर्ष 2014-15 में 11,17,410.79, 2015-16 में 23,70,777, 2016-17 में 10,35,226 और 2017-18 में 12,20,661 रूपये खर्च किये। कुल मिलाकर 64 लाख का बजट ठिकाने लगा दिया गया।
नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए इन आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में निगम की कूड़ा गाड़ियों में लगे कलपुर्जे और टायरों में कुल 64 करोड़, 20 लाख, 59 रुपया खर्च किया गया है। जबकि इन पांच वर्षों में इन गाड़ियों में कुल 01 करोड़ 28 लाख 11 हजार 5 सौ लीटर ईंधन इस्तेमाल किया गया है।
हैरानी की बात ये है कि इस खर्चे के अलावा इन गाड़ियों ने पिछले पांच वर्षों में 81 करोड़, 99 लाख, 56 हजार का ईंधन खर्च किया है। इन आंकड़ों के अनुसार केवल हल्द्वानी और काठगोदाम के कूड़े पर निगम ने 146 करोड़ का खर्च किया है और पूरा कूड़ा भी हल्द्वानी में ही जमा करके रख दिया है।