नैनीताल: हाईकोर्ट ने प्रदेश में किसान बैंको के अत्यधिक ऋण के कारण आत्महत्या किये जाने व उनका ऋण माफ किये जाने के मामले में दायर जनहित याचिका में सुनवाई के बाद राज्य के मुख्य सचिव को तीन माह के भीतर राज्य किसान आयोग गठन करने के आदेश दिए हैं। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि, एमए स्वामीनाथन की संस्तुति के अनुसार फसलों के औसत मूल्य का तीन गुना अधिक समर्थन मूल्य घोषित किया जाय और इस न्यूनतम समर्थन मूल्य का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। कोर्ट ने कहा कि सरकार खाद्य भण्डारण की व्यापक व्यव्स्था करे, ताकि किसान सस्ते में फसल बेचने के लिए मजबूर न हो। इसके अलावा कृषि ऋण न चुका पाने के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों को पारिवारिक पेंशन अथवा मुआवजा देने के लिए योजना तैयार करे और फसलों को मौसम से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना बनाएं, जिसकी बीमा राशि न्यूनतम हो।
कृषि ऋण वसूली के सन्दर्भ में भी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से एक योजना बनाने को कहा है जिसमें आरबीआई से कहा जिन किसानों ने आत्महत्या कर ली है उनके परिवार वालों से कृषि ऋण वसूलने व माफ करने के लिए नियम बनाए। 50 हजार से कम ऋण वाले किसानो का ब्याज माफ करने व कम करने के लिए सरकार इस पर विचार करे। कोर्ट ने सरकार को कहा है कि वह तकनीकी विभाग की मदद से एक एप्प तैयार करे, जिसमे खसरा वाइज डेटा हो कि, कौन से खेत में कौन सी फसल अच्छी हो। वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा एवम न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, शान्तिपुरी किच्छा जिला ऊधमसिंह नगर निवासी गणेश उपाध्याय ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में किसान बैंको के अत्यधिक ऋण के कारण आत्म हत्या कर रहे हैं। याचिका में कहा पिछले वर्ष सिंतबर तक 7 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। याचिकर्ता का कहना था कि किसानों की स्थिति ब्लू ह्वेल गेम से ज्यादा खतरनाक है बैंको के कृषि ऋणों की ब्याज दरें इतनी अधिक है कि, किसान उनको चुकाने के लिए साहूकारों से अधिक दरों में रूपये ब्याज पर लेता है और सरकार उनकी फसलों को खरीदकर दस दस महीनों तक उनका भुगतान नही करती है। हाल ही में ऊधमसिंह नगर में सरकार ने 75 करोड़ रूपये का धान खरीदा जिसका भुगतान सरकार ने दस महीने तक नही किया जिसका बैंक ऋण 5 करोड़ रुपया हो गया था जहां 2007 तक पॉपुलर के रेट 1050 रूपये कुंतल था वह अभी 350 रूपये हो गया है जबकि मार्किट रेट तीन गुना बढ़ गया इसका लाभ किसान को न जाकर सीधे सरकार को मिल रहा है किसानो समय से भुगतान नही होंने के कारण बैंक उनको रिकवरी नोटिस दे रहा है जिसके कारण वह आत्म हत्या कर रहा है । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अभी तक प्रदेश में लागू नही किया गया याचिकर्ता का कहना था कि फसल बीमा को लागु किया जाय जिसके अंतर्गत 2 प्रतिशत खरीफ 1.5 प्रतिशत रबी और अन्य कॉमर्शियल फसलो के लिए 5 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जाना चाहिए।