नई दिल्ली : जेट एयरवेज की खस्ता हालत को देखते हुए केंद्र सरकार ने इमरजेंसी बैठक बुलाई है। अनुपालन मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार ने मंगलवार को जेट एयरवेज के प्रबंधन के साथ एक आपात बैठक बुलाई है। जेट एयरवेज का अपनी उड़ानों को रोकने और रद्द करने का सिलसिला जारी है। दूसरी तरफ, जेट एयरवेज के विमान रखरखाव इंजीनियरों के संघ ने डीजीसीए को मंगलवार को सूचित किया कि उन्हें तीन माह से सैलरी नहीं मिली है।
नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंत्रालय के सचिव को जेट एयरवेज के विमानों के खड़ा होने से यात्रियों को होने वाली संभावित परेशानी का हल निकालने को कहा है। आज बुलाई गई आपात बैठक में विमानों के खड़े होने से एडवांस बुकिंग, टिकट रद्दीकरण, रिफंड और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। सुरेश प्रभु ने नागर विमानन मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया कि वे इस पूरे मामले पर गंभीरता से विचार करते हुए इमरजेंसी बैठक बुलाएं और इस बाबत DGCA की रिपोर्ट तलब करें।
वन इंडिया की खबर के अनुसार जेएएमईडब्ल्यूए ने इस मामले में डीजीसीए से हस्तक्षेप की मांग की है। जेएएमईडब्ल्यूए ने कहा है कि उनके लिए वित्तीय जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है। इंजीनियरों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और इस कारण उनका काम प्रभावित हो रहा है।ऐसे मे देश-विदेश में उड़ान भरने वाले जेट एयरवेज की सुरक्षा जोखिम पर है। नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने सोमवार को अपने चार और विमानों को खड़ा कर दिया था। पट्टे पर लिए विमानों का किराया नहीं चुकाए जाने के कारण उसके परिचालन से बाहर हुए कुल विमानों की संख्या 41 हो गयी है। वहीं, विमानों के अचानक खड़े होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।