दिल्ली: खाप पंचायत को लेकर उच्चतम न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि पंचायत किसी लड़के या लड़की को समन जारी कर शादी करने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि अगर कोई बालिग लड़के-लड़की को शादी करने से रोकता है तो यह गैरकानूनी है। लड़के या लड़की अपनी इच्छा से किसी भी व्यक्ति से शादी कर सकता है और खाप पंचायत इसमें कोई दखल नहीं दे सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतर-जातीय विवाह करने वाले प्रेमी-युगलों के खिलाफ खाप पंचायतों या ऐसे किसी संगठनों द्वारा किये गये अत्याचार या दुर्व्यवहार को पूरी तरह गैर-कानूनी बताया। खाप पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी देते हुए न्यायालय ने कहा कि यदि केंद्र सरकार खाप पंचायतों को प्रतिबंधित करने की दिशा में कदम नहीं उठाती तो अदालत इस पर कारवाही करेगी।