बागेश्वर: जिले में खनन मानकों की अवहेलना करना पट्टाधारक को मंहगा पड़ गया। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी लापरवाही पाए जाने पर खनन पट्टा निरस्त करने की संस्तुति शासन को भेज दी गई है। डीएम ने दो सदस्यीय टीम बनाकर काश्तकारों को मुआवजा दिलाए जाने व पट्टाधारक से अर्थदंड वसूलने का आदेश दिया है। पट्टाधारक मैसर्स अम्बा माइंस एण्ड मिनरल्स सोप स्टोन माइन ओलिया के विरुद्ध ग्रामीणों ने मुआवजा न दिए जाने की शिकायत जिलाधिकारी से की थी।
वहीँ ग्राम गुमटी, ओलिया एवं किडई के काश्तकारो ने उक्त पट्टाधारक के विरुद्ध शिकायत कर खेतों का मुआवजा न दिये जाने, खेतो का समतलीकरण न करने रास्तो एवं सरकारी गुलो को खनन कार्य के दौरान क्षति पहुचानें की शिकायत जिलाधिकारी से की थी। जांच के उपरान्त पट्टाधारक के विरुद् की गयी शिकायत सही पायी गई। पट्टाधारक को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया। पर्याप्त समय दिये जाने के बावजूद भी पट्टाधारक ने काश्तकारो के खेतो का मुआवजा, खेतो का समतलीकरण नहीं किया और न ही कोई जवाब दिया गया। नोटिस का जवाब न दिये जाने तथा खनन मानको के अनदेखी, लापरवाही व अनियमित्ता किये जाने को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया। जिसके बाद डीएम ने खनन पटटे को निरस्त किये जाने की संस्तुति की है। साथ ही खनन क्षेत्र का निरीक्षण कर काश्तकारों को मुआवजे का भुगतान कर पट्टाधारक से अर्थदंड वसूलने की कार्यवाही के आदेश दिए गए है।