देहरादून: जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सूबे के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत, जिनके पास खनिज मन्त्री का प्रभार भी है, ने मुख्यमन्त्री बनने के बाद मोटी रकम की व्यवस्था किये जाने की दिशा में सबसे पहले अन्य प्रदेश के खनन माफियाओं से सैकड़ों करोड की डील कर डाली। जिसके तहत सीएम (खनन मन्त्री) ने 9 मई 2017 को प्रदेश में हर प्रकार के खनन कारोबार को निलम्बित (प्रतिबन्धित) कर दिया। साथ ही कहा कि, सीएम ने सभी प्रकार के खनन पट्टों, हॉट मिक्स, स्क्रीनिंग प्लान्ट, भण्डारण, स्टोन क्रशर इत्यादि के लाइसेंसों को परीक्षण की आड में एक कमेटी के हवाले कर इनको निलम्बित कर दिया तथा निर्देश दिया कि कमेटी एक माह में अपनी रिपोर्ट सौंपे।
आगे उन्होंने कहा कि, उक्त कमेटी के सदस्य निदेशक, मृदा एवं जल से संरक्षण संस्थान ने 48 घण्टे के भीतर असमर्थता जताये जाने सम्बन्धी पत्र शासन को 11 मई 2017 को ही उपलबध करा दिया था। महत्वपूर्ण यह है कि जब कमेटी द्वारा असमर्थता जता दी गयी थी तो फिर आठ महीने तक पत्र पर क्यों कुंडली मारी गयी।
नेगी ने कहा कि, हैरानी की बात यह है कि सरकार एक माह का समय देकर अपने आदेश (09.मई2017) को भुला दिया गया तथा 8 माह बाद प्रदेश को लुटाकर नया फरमान जारी किया कि, जो खनन कारोबार पर परीक्षण हेतु रोक लगायी गयी थी वो माह 3 जनवरी को बगैर परीक्षण कराये निरस्त कर दी गयी, यानि पट्टे चालू कर दिये गये। उन्होंने कहा कि, इन आठ महीनों तक सरकार ने परीक्षण की आड़ लेकर अन्य प्रदेश के खनन माफियाओं को लूट की खुली छूट दी, जिसके चलते खनन माफिया लगभग हजारों करोड़ का काला कारोबार करने में कामायाब हुए।
नेगी ने कहा कि इन आठ महीनों में सीएम त्रिवेन्द्र ने अपनी कमाई के चक्कर में प्रदेश को लगभग 250 करोड़ राजस्व की चपत लगायी तथा इस रोक के चलते प्रदेश के खनन व्यवसायी एवं लाखों मजदूर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। इन आठ महीनों में जनता इन माफियाओं के हाथों लुटती रही। प्रदेश में राजस्व इकट्ठा न होने के कारण प्रदेश के हजारों कर्मचारियों को कई-कई माह का वेतन नहीं मिल सका।
इसके आलावा नेगी ने कहा कि, सीएम त्रिवेन्द्र ने दो तरीके से काली कमाई का रास्ता अख्तियार किया, जिसमें एक तो अन्य प्रदेश के माफियाओं को खुली छूट देकर तथा प्रदेश के खनन लाइसेंसियों से परीक्षणीय आदेश निरस्त करने की एवज में मोटी रकम वसूलकर। उन्होंने कहा कि, जनसंघर्ष मोर्चा मुख्यमन्त्री की खनन डील का पर्दाफाश कराने को लेकर माननीय न्यायालय में दस्तक देगा।