बागेश्वर: जनपद की नाकुरी पट्टी के रीमा, के बाफिला गाँव मे अवैज्ञानिक खडिया खनन ने सम्भावित सर्वनाश ने क,ख, ग, लिखना शुरू कर दिया है। इसी गाँव मे कटियार मानईस की खदान मे जो खतरनाक स्थिती उभरी है। उस स्थिती से बचाव की अब कोई भी उम्मीद नही लगायी जा सकती है। जिस तरीके से रीमा के बाफिला गाँव मे अवैज्ञानिक तरीके से हो रहे खडिया खनन के चलते लगातार भूमि का कटान हो रहा है। वहीँ गाँव भी अब जमीदोस हो रहे हैं। प्रशाशन सब कुछ जानने बाद भी हाथ मे हाथ धरे बैठा हुआ है। जिससे हालत सुधरते हुये नही दिख रहे है। अब प्रशाशन कटियार माईनस की राज्य स्तरीय पहुँच के चलते कार्यवाही करने के बचाय उच्च स्तरीय भू -वैज्ञानिक जांच कराने की बात कह रहा है।
स्थानीय रमेश पांडे ने प्रशाशन की बेबसी व खडिया खनन के मालिको की पहुॅच को बताते हुये कहा कि जनपद -बागेश्वर के पूर्व जिलाधिकारी ने खडिया मालिको के असंवैधानिक रूप से किये गये कामो पर कुछ बोला भर था । तो उनका स्थानान्तरण कर दिया गया । बाफिला गॉव मे हुये भूस्खलन पर पांडे का कहना है। कि कटियार माईनस मे राजपाल लेघा लम्बे समय तक कर्मचारी की तरह रहे है। वो राजपाल लेघा वर्तमान मे राज्य सरकार के खनन महकमे मे सहायक निदेशक के पद मे है । काटियार माईनस ने अवैज्ञानिक तरीके से खडिया खनन कार्य किया गया है। खडिया के लालच मे पहाडो की तलहटी तक खोद दी गयी है। जिससे अब भूस्खलन होना स्वभाविक बात है। जिससे पूरा गॉव खतरे की जद मे है।
जिलाधिकारी का कहना है कि, भूस्खलन की सूचना मिलने बाद मेरे द्वारा क्षेत्रीय एसडीएम और पटवारी से इसकी जांच करके रिर्पोट प्रेषित करने को कहा गया है। और जिस तरीके से भू-स्खलन हो रहा है, उसकी विस्तृत जांच के लिये उच्च स्तरीय भू – वैज्ञानिको को बुला कर पूरे क्षेत्र की जांच करायी जायेगी।