केरल: केरल में बारिश और तूफान की वजह से बाढ़ का कहर लगातार जारी है। बाढ़ के चलते अबतक 29 लोगों का मौत हो चुकी है जबकि 50 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं, जिनके लिए राज्य के अलग-अलग इलाकों में राहत शिविर बनाए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इडुक्की, कन्नूर, कोझीकोड, पनामारम, वायनाड और मलप्पुरम जिलों में राहत और बचाव के लिए सेना की 8 टुकड़ियां तैनात की गई हैं। इनके अलावा बाढ़ से निपटने के लिए नेवी की 4 और कोस्टगार्ड की 3 टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है। वहीं, राज्य के 58 बांधों में 24 में क्षमता से ज्यादा पानी भर गया है।
वहीं बाढ़ के चलते इडुक्की डैम के पांच शटर खोल दिए गए हैं, ऐसा 40 साल में पहली बार हुआ है। इससे पांच लाख लीटर पानी हर सेकंड निकल रहा है। कई जगहों पर सड़कें धंस जाने के कारण पर्यटकों को पर्वतीय इडुक्की जिले में दाखिल होने से रोका गया है। कोझिकोड और वायनाड में विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए थलसेना के जवान छोटे-छोटे पुल बना रहे हैं जिससे लोगों को सुरक्षिक बचाया जा सके। इडुक्की जलाशय से और ज्यादा पानी जारी होने की संभावना के मद्देनजर इडुक्की और इससे सटे जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं केरल में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए सीएम पिनाराई विजयन ने लोगों और संस्थाओं से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने की अपील की।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने 10 करोड़ रुपये और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने 5 करोड़ रुपये केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने की घोषणा की है। दूसरी तरफ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि वह 12 अगस्त को केरल का दौरा किया है। गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगी मंत्री किरण रिजिजू को स्थिति का जायजा लेने के लिये राज्य के दौरे पर भेजा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जिस तरह के सहयोग की भी जरूरत होगी, वह केंद्र की तरफ से मुहैया कराई जाएगी।