रुद्रप्रयाग: जहां एक तरफ वर्ष 2013 की आपदा से केदारनाथ से 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित रामबाड़ा पूरा का पूरा काल के ग्रास हो गया था।केदारनाथ की पैदल यात्रा को सुलभ और सरल बनाने के लिए आपदा के बाद जो दावे किए गए थे, वो फलीभूत नहीं हो पाए हैं। डेढ़ दशक पूर्व स्वीकृत रामबाड़ा-केदारनाथ रोपवे का जहां आज तक निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। वही, केविल कार संचालन की घोषणा भी हवाई साबित हुई है।
इसके विपरीत रुद्रप्रयाग जनपद के जुझारू जिलाधिकारी केदारनाथ धाम क्षेत्र की कायाकल्प करने में जुटे हुए है, ये चीन में बने कांच के पुल के अनुसार ही रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी के ऊपर एक पारदर्शी कांच के पुल के निर्माण की कार्ययोजना बना रहे है।
आपने अक्सर ऐसा पुल सोशल मीडिया पर देखा होगा। जिसमे जाने से लोग डर के साथ साथ रोमांचक अनुभूति करते है। इस पुल की लागत करीब 8 करोड़ रुपए बताई जा रही है। उमीद है कि वर्ष 2013 की आपदा की मार झेल चुका रामबाड़ा, जो कि केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव हुआ करता था, एक बार फिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि चीन में निर्मित पारदर्शी पुलों की तर्ज पर यहां मंदाकिनी नदी पर कांच या धातु का पारदर्शी पुल बनाने का खाका तैयार किया है। लगभग 100 मीटर स्पान वाले इस पुल के फर्श पर रामबाड़ा के आपदा से पूर्व के रूप को अंकित किया जाएगा। पुल के दोनों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पेंटिंग भी स्थापित की जाएंगी।करीब आठ करोड़ की लागत से तैयार किए जाने वाले इस पुल के लिए सीएसआर से धनराशि जुटाई जाएगी।