देहरादून: आप को बतादें कि केदारनाथ यात्रा शुरू हुए अभी कुछ दिन ही हुए है जिसके साथ हेलीकॉप्टर सेवा भी संचालित हो गई है लेकिन केदारनाथ हैली सर्विसेस हमेशा की तरह इस बारी भी विवादों में अभी से आ गयी है।
हैली ऑपरेटर ने इस बार नया ब्लैक टिकटिंग का नुकसा अपनाया है। लेकिन यह नुकसा किसकी श्रय पर अपनाया गया है, यह जांच का विषय है।
सबसे पहले आप को हैली टिकट बुक करने का तरीका बताता है। सरकार ने केदारनाथ हैली सर्विसेस व टिकटिंग का ज़िम्मा यूकाड़ा को सौंपा है और यूकाड़ा ने हैली टिकटिंग का ज़िम्मा GMVN (गढ़वाल मंडल विकास निगम) को। इसी क्रम में GMVN ने 70% ऑनलाइन व 30% ऑफ लाइन की सुविधा रखी है।
नियमों के अनुसार हैली टिकटिंग सिर्फ और सिर्फ गढ़वाल मंडल विकास निगम के वेब पोर्टल से बुक की जा सकती है। गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा हैली ऑपरेटर्स और कुुछ ट्रेवल एजेंसीज को यूनीक लॉगइन दिया गया है जिसके माध्यम से हैली ऑपरेटर्स और ट्रेवल एजेंसीज अपनी ऑनलाइन बुकिंग करते है। साथ ही यात्रा भी GMVN के वेब पोर्टल से डायरेक्टली अपनी बुकिंग करा सकते हैं।
अधिक मुनाफा कमाने को लेकर कुछ हैली कंपनियां GMVN के नियमों को ताक पर रखकर अपनी ही टिकटें ब्लैक मार्केटिंग कर खुद ही बना कर बेच रही है। जिससे उनको सरकार का टैक्स भी नही भरना पड़ता है।
हैलो उत्तराखंड न्यूज़ टीम को यह जानकारी ख़ुद यात्रियों ने दी जिसमें यात्रियों ने स्पष्ट किया कि उनकी टिकट GMVN से नहीं हुई है। उनका टिकेट एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर कंपनी का था जिससे उन्होंने उड़ान भरी है।
विडंबना की बात यह है कि यह काम यूकाड़ा और GMVN की नाक के नीचे हो रहा है और विभाग को इसकी भनक भी नहीं है या इस नियम को आश्रय दिया जा रहा है, यह संशय का विषय है?
इसको लेकर हैलो उत्तराखंड न्यूज़ की टीम ने जब नागरिक उड्डयन व पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के साथ बात की, तो उनका कहना है कि अगर इस तरह से कोई भी कंपनी टिकेट बेचने का काम कर रही है, उनके ऊपर तत्काल कार्रवाई की जाएगी तथा ऑपरेशन तक भी रोका जाएगा।
अब देखने वाली बात होगी कि विभाग की कथनी और करनी में कितना अंतर होगा।