देहरादून: केदारनाथ आपदा को आज पांच साल पूरे हो गए हैं। पांच साल पहले आई उस भीषण त्रासदी को याद करके आज भी लोग सहम जाते हैं। 16 व 17 जून को बारिश, बाढ़ और भू-स्खलन की घटनाओं ने रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिलों में भारी तबाही मचाई, जिसमें उत्तराखंड को जान-माल की भारी क्षति हुई। वहीं आपदा के कारण कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, साथ ही कई लोग बेघर हो गए। इसके अलावा न जाने कितने लोग इस आपदा के कारण एक दूसरे से बिछड़ गए।
उत्तराखंड में आई इस तबाही का असर ऐसा था कि, करीब एक साल बाद जब यहां के कई इलाकों में प्रशासन ने सर्च ऑपरेशन शुरू किए, तो वहां सैकड़ों की संख्या में नर-कंकाल बरामद हुए। वहीं देखा जाये तो आपदा के जख्मों को पूरी तरह से भरने में अब भी कई साल लग जाएंगे। यहां राहत और पुनर्निर्माण के मरहम से हालात सुधारने के प्रयास जारी हैं। वहीं इस साल केदारनाथ धाम में एक बार फिर से पहले जैसी रौनक देखने को मिल रही है। यहां श्रद्धालुओं समेत सैलानियों का तांता लगा हुआ है। 29 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा में इस बार कई नए रिकॉर्ड बने हैं। 47 दिनों में अब तक करीब लाखों श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शन के लिए आ चुके हैं। भले ही अब यहां सब कुछ सामान्य हो गया है, लेकिन पांच साल पहले आई आपदा को शायद ही कोई भूला सकेगा।