नई दिल्ली: भाजपा महासचिव और जम्मू कश्मीर में पार्टी मामलों के प्रभारी राम माधव ने मंगलवार को कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार विस्थापित समुदाय के साथ व्यापक विचार-विमर्श किए बिना उनकी वापसी और पुनर्वास को लेकर कोई नीति नहीं बनाएगी।
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और कश्मीर मामलों के पार्टी प्रभारी राम माधव मंगलवार को वरिष्ठ कश्मीरी पंडित कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिले।
इस दौरान उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार, कश्मीरी पंडितों का नेतृत्व करने वाले एक व्यापक समूह से सलाह मशवरा किए बिना इस विस्थापित समुदाय के लिए कोई पुनर्वास नीति लागू नहीं करेगी। कश्मीरी पंडित कार्यकर्ता उत्पल कौल, कमल हक, रेणुका बजाज, मनोज भान और अमित रैना मंगलवार को माधव से मिले थे।
बैठक के दौरान, उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन देकर विस्थापित समुदाय के एक बड़े वर्ग की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया कि सरकार उनकी वापसी के अंतिम तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए तैयार है और कई पुनर्वास स्थानों पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
माधव ने कहा, “सरकार विस्थापित समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार उनके साथ इस विषय पर चर्चा जरूर करेगी कि क्या वे तीन अलग-अलग बस्तियों में लौटना चाहते हैं या एक एकल केंद्रित क्षेत्र में लौटना चाहते हैं।”
इसके साथ ही माधव ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार सभी अलगाववादी और उनके साथियों को निष्क्रिय और निर्थक करने के लिए प्रयासरत हैं और विस्थापन के कारणों को दूर करने के लिए न्यायाधिकरण के गठन की संभावना तलाशने के लिए भी प्रयासरत है।
एक बयान के मुताबिक, ‘‘उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सरकार विस्थापित समुदाय की चिंताओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और अगर वे तीन अलग बस्तियों या किसी एक खास क्षेत्र में लौटना चाहते हैं तो उनसे चर्चा की जाएगी।’