श्रीनगर: कश्मीर में अल कायदा की पहचान बने अंसार-उल-गजवात-ए-हिंद का कमांडर जाकिर मूसा गुरुवार को डाडसर (त्राल) में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। उसकी मौत के बाद वादी में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अगले आदेश तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं। कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। वहीं, संवेदनशील इलाकों में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकडि़यों को तैनात करने के साथ निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
घाटी में 2013 से सक्रिय जाकिर मूसा त्राल के नूरपोरा का रहने वाला था। उसके पिता अब्दुल रशीद बट एक सरकारी विभाग में इंजीनियर हैं। चंडीगढ़ स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज में अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ आतंकी बनने वाले मूसा 15 लाख का इनामी है। वह जुलाई 2016 में मारे गए हिज्ब आतंकी बुरहान वानी का करीबी था और उसे भी आतंकी संगठन में आरिफ और आदिल नामक दो आतंकी कमांडरों ने भर्ती किया था। इन्होंने ही बुरहान को आतंकी बनाया था।
पत्थरबाजों ने फिर की आतंकियों की मदद
जानकारी के मुताबिक, शाम को डाडसर में मूसा और उसके साथियों के छिपे होने की सूचना पर सेना की 42 आरआर, राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के एक संयुक्त कार्यदल ने आतंकियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान एक मकान में छिपे आतंकियों ने उनपर फायर कर दिया। इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
इस दौरान दौरान आतंकी समर्थक तत्वों ने आतंकियों के भगाने के लिए पत्थरबाजी शुरू कर दी। लेकिन जवानों ने आतंकियों को भागने का कोई मौका नहीं दिया। आतंकियों की तरफ से गोलियों की बौछार बंद होने पर जवानों ने जब मुठभेड़स्थल की तलाशी ली तो उन्हें वहां गोलियां से छलनी जाकिर मूसा का शव मिला। उसके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।
वहीँ जाकिर मूसा का शव आज सुबह उनके परिवार को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया।