देहरादून: विकासनगर में सेवानिवृत्त सिंचाई कर्मचारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि, सरकार की उदासीनता एवं संवेदनहीनता के कारण 30-35 वर्ष तक कार्य प्रभावित एवं उसके उपरान्त कुछ समय तक नियमित सेवा करने के उपरान्त भी सरकार इन कर्मचारियों को पेंशन देने की राह में रोड़ा अटका रही है। इन कर्मचारियों की पेंशन सम्बन्धी मांग पर कई बार माननीय सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट सरकार को आदेश दे चुका हैं, लेकिन सरकार ने न्यायालय के योजित सैकड़ों याचिकाओं में से मात्र 10-15 लोगों को ही पेंशन देने के आदेश मार्च 2018 में पारित किये तथा शेष सैकड़ों कर्मचारियों की राह में रोड़ा अटकाने के लिए अप्रैल 2018 में सेवानिवृत्त लाभ विधेयक पास करवा दिया, जिससे शेष कर्मचारियों को पेंशन न देनी पड़े।
नेगी ने कहा कि, सरकार द्वारा कर्मचारियों की राह में रोड़ा अटकाने के चलते लाखों रूपया पानी की तरह बहा दिया गया, लेकिन इन गरीब कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है।
पूर्व कर्मचारी नेता दिलबाग सिंह व जेपी त्यागी एवं रवि भटनागर ने कहा कि, सरकार की इस तानाशाही एवं संवेदनहीनता के चलते गरीब कर्मचारी दो वक्त की रोटी से मोहताज हो गया है। सरकार का दोगलापन ही तो है कि विधायक शपथ लेते ही 40 हजार रूपये पेंशन पाने का हकदार हो जाता है तथा वहीं दूसरी ओर 30-35 वर्ष की सेवा के उपरान्त भी कर्मचारी पेंशन का हकदार नहीं होता। मोर्चा इन गरीब कर्मचारियों के पेंशन मामले में उक्त विधेयक को न्यायालय में चुनौती देगा।