देहरादून: गुरूवार को प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश को मुखबिर से सूचना मिली कि सहारनपुर से कुछ लोग ऋषिकेश क्षेत्र में स्थित एक ज्वैलर्स की दुकान में डकैती का प्रयास करने के इरादे से आये थे, लेकिन वह अपने मन्सूबों में कामयाब नहीं हो पाये। जिसके बाद वह लोग सम्भवतः देहरादून की ओर डकैती के इरादे से गये हैं।
उक्त सूचना पर प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश ने तत्काल् पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को अवगत कराया गया, जिनके द्वारा तत्काल् पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के निर्देशन में और क्षेत्राधिकारी डालनवाला के पर्यवेक्षण में पुलिस टीम का गठन किया गया। उक्त टीम ने विभिन्न माध्यमों से उक्त बदमाशों के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी एकत्रित की, इसी दौरान पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त बदमाश घटना के लिये एक काले रंग की आर्टिगा कार और लाल/काले रंग की मोटर साइकिल से देहरादून की ओर आ रहे हैं। जिसके सन्दर्भ में पुलिस ने सघन चैकिंग अभियान चलाते हुए सम्बन्धित वाहनों (आर्टिगा कार व मोटर साइकिल) को न केवल चिन्हित करने में सफलता प्राप्त की बल्कि उक्त आर्टिगा कार नम्बर यूके-08-एएम-4574 से दो अभियुक्तों: फरमान पुत्र हाशिम और संजय कुमार पुत्र कुवंरपाल को व हीरो डीलक्स लाल/काले रंग की मोटर साइकिल संख्या यूके-08-एसी-1326 से रवि कुमार पुत्र रामनरेश व अनुज उर्फ शिवम पुत्र राजकुमार को गिरफ्तार किया। जिनके कब्जे से एक पिस्टल, एक तमंचा, 02 अवैध चाकू बरामद हुए।
बरामद वाहनों के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो हीरो डिलक्स मोटर साइकिल पर लगा नम्बर डिस्कवर 100 मोटर साइकिल का होना पाया गया। पूछताछ में अभियुक्तों ने अपने अन्य साथियों पूरन आहुजा, पंडित तथा कटियार का भी उक्त घटना के लिये देहरादून आना बताया। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस सभी सम्भावित स्थलों पर लगातार दबिश दे रही है।
अभियुक्तों में फरमान पुत्र हाशिम, निवासी: ग्रा0बुडडाहेडी थाना पथरी हरिद्वार उम्र 35 वर्ष, संजय कुमार पुत्र कुवंरपाल, निवासी: ग्रा0 शाहपुर थाना देवबंद सहारनपुर उम्र 35 वर्ष, रवि कुमार पुत्र रामनरेश, निवासी: शाहपुर थाना देवबंद सहारनपुर उम्र 24 वर्ष और अनुज उर्फ शिवम पुत्र राजकुमार निवासी: ग्रा0सिमालकी थाना छपार मुजफ्फरनगर उम्र 24 वर्ष शामिल हैं।
वहीँ वांछित अभियुक्तों में पूरन आहुजा पुत्र रमेश आहुजा निवासी: 69/21, ए-11 टिहरी विस्थापित कालोनी पायल सिनेमा के पास हरिद्वार उम्र 36, देवेन्द्र पुत्र राजीव, निवासी अपर राजीव नगर नेहरू कालोनी और पंडित शामिल हैं।
पूछताछ का विवरण:
गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ करने पर उक्त गिरोह के सरगना संजय कुमार पुत्र कुवंरपाल ने बताया कि मैं नवीं पास हूँ, मैने वर्ष 2016 में 02 बुलेरो व 01 जायलो गाडी ली थी और कम्पनी में लगा दी थी, परन्तु मेरा काम सही नहीं चल रहा था, जिससे मैं गाडियों की किश्तें नहीं भर पा रहा था। मुझ पर लोगों का करीब 30 से 40 लाख रूपया का कर्जा हो गया था, जिनके द्वारा मुझे लगातार परेशान किया जा रहा था। मुझे पैसों की सख्त आवश्यकता थी, जिसके लिये मैने अपने कुछ साथियों के साथ डकैती डालने की योजना बनायी। मैंने अपने चाचा के लडके रवि कुमार, अपने दोस्त अनुज उर्फ शिवम और अपने एक अन्य साथी फरमान को अपनी योजना के बारे में बताया, चूंकि रवि और अनुज पर भी लोगों की काफी देनदारी थी तो वह इसके लिये तुरन्त तैयार हो गये।
रवि पूर्व में देहरादून में जोमैटो में डिलीवरी ब्वाय का कार्य किया करता था। फरमान से मेरी पहचान राजीव पुण्डीर नाम के प्रापर्टी डीलर के माध्यम से हुई थी, जो उसके यहां रेता बजरी डालने का काम किया करता था, मैने उसे और उसके एक अन्य साथी पूरन आहुजा को भी अपनी योजना में शामिल कर लिया। योजना के अनुसार हमें ऐसे लोगो को चिन्हित करना था जिनके पास काफी मात्रा में नकदी हो, फिर मुझे उनके पास फर्जी कम्पनी का नुमाइंदा बनकर जाना था और उन्हें कम्पनी के डेड एकाउण्ट से दुगनी धनराशि उनके खाते में ट्रांसफर करने का झांसा देकर उनसे आधी धनराशि देने की मांग करनी थी। यदि कोई व्यक्ति धनराशि देने को तैयार हो जाये तो मुझे फोन के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करने की बात कहकर अपने अन्य साथियों को सूचित करना था, जिनके द्वारा मौके पर पहुंचकर अस्लहों के बल पर डकैती की घटना को अंजाम दिया जाता।
अपनी इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिये मैंने फरमान को ऐसे व्यक्ति चिन्हित करने के लिये कहा। फरमान ने मुझे बताया गया कि वह देहरादून में एक पंडित नाम के व्यक्ति को जानता है, जिससे उसकी मुलाकात देहरादून में स्थित संजीवनी हास्पिटल में काम करने वाले उसके दोस्त मंसूर के माध्यम से हुई थी। पंडित देहरादून में प्रापर्टी डीलिंग व पंडिताई का कार्य करता है और उसकी कई बडे लोगों से जान-पहचान है, वह इस योजना में हमारे काम आ सकता है। इसके बाद फरमान ने मुझे 15 से 20 दिन पूर्व पंडित से मिलवाया। मैने पंडित को अपनी योजना के बारे में बताते हुए उसे ऐसे लोगों से मिलवाने के एवज में अच्छा कमिशन देने की बात कही तो वह इसके लिये राजी हो गया।
29 दिसंबर को पंडित ने मुझसे सम्पर्क कर ऋषिकेश में गढवाल ज्वैलर्स, जिसे पंडित के साथी देवेन्द्र कटारिया के माध्यम से पैसे देने के लिये तैयार किया गया था, के सम्बन्ध में बताया गया। योजना के अनुसार हम सभी 31दिसम्बर को पूरन आहूजा की आर्टिगा गाडी से सहारनपुर से ऋषिकेश पहुंचे। ऋषिकेश पहुंचकर योजना के मुताबिक मैं और देवेन्द्र, गढवाल ज्वैलर्स के यहां पहुंचे, परन्तु किसी कारणवश उस दिन हम घटना को अंजाम नहीं दे पाये। उस दिन हम सभी ऋषिकेश में ही कमरा लेकर रूक गये और अगले दिन घटना को अंजाम देने हम गढवाल ज्वैलर्स के यहां पहुंचे और हमारे अन्य साथी पास में ही एक चाय की दुकान पर रूककर हमारे फोन का इन्तजार करने लगे। गढवाल ज्वैलर्स के मालिक को हमने तीन करोड रूपये डेड एकाउण्ट से उसके खाते में ट्रांसफर करने की बात कहकर उससे डेढ करोड रूपये मौके पर देने की बात कही, जिसके उपरान्त गढवाल ज्वैलर्स के मालिक ने मौके पर ही हमें डेढ करोड रूपये दिखाये, मैंने घटना को अजांम देने के लिये फोन से बाहर रूके अपने अन्य साथियों को बुलाया, परन्तु उन्होंने ऋषिकेश क्षेत्र में पुलिस द्वारा की जा रही सघन चैकिंग व पुख्ता सुरक्षा बन्दोबस्त को देखते हुए घटना को अंजाम देने से इंकार कर दिया, फिर हम वहां से हरिद्वार चले गये। 1जनवरी को पंडित ने हमें पुन: फोन कर देहरादून में भटनागर नाम के व्यक्ति के माध्यम से जयसवाल द्वारा ढाई करोड रूपये देने के सम्बन्ध में बताया, योजना के अनुसार हमें 05 करोड रूपये जयसवाल के खाते में डालने का झांसा देकर उसके एवज उससे ढाई करोड रूपये दिखाने पर डकैती की घटना को अंजाम दिया जाना था, पर डकैती की घटना को अजांम देने से पूर्व ही पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया।
बदमाशों से पिस्टल, मैगजीन, जिंदा कारतूस, मोटर साइकिल, तमंचा, अवैध खुखरी, मोबाइल व नकदी बरामद की गई।