–संवाददाता: कृष्णपाल सिंह रावत
थत्यूड़: जौनपुर विकासखंड के पर्यटक स्थल कैम्पटी फॉल में स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय का भवन पूरी तरह से बदहाली का रोना रो रहा है। जो कि सरकार के लाख दावे करने के बाद भी अब तक प्रदेश स्तर के कहीं पशु चिकित्सालय बदहाल स्थिति में है। जिसके चलते किसी भी तरह की घटना यह क्षतिग्रस्त भवन दावत दे सकते हैं। वहीं उत्तराखंड सरकार ने इसी वर्ष गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने के लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा गया है लेकिन मुख्य बात तो यह है कि यदि गाय या अन्य पशुओं को किसी तरह के बीमारियों से ग्रसित यदि होते हैं तो उनके इलाज के लिए कोई भी उचित व्यवस्था अब तक सरकार के द्वारा राज्य भर में नहीं की गई है लेकिन जब हमने यहां के ग्रामीणों से बातचीत की तो उनका कहना है कि यहां पर सिर्फ नाम मात्र का पशु चिकित्सालय बनाया गया है जिसमें ना तो पशुओं को अच्छी चिकित्सा मिल रही है और ना ही अच्छी दवाइयां उपलब्ध है जिससे कोई भी बीमारी से ग्रसित पशु के मरने के चांस ज्यादा रहते हैं ग्रामीण दूर दूर से यहां पर अपने पशुओं को उपचार के लिए लाते हैं लेकिन उन्हें ठीक तरह से उपचार भी नहीं मिल पाता कभी डॉक्टर गायब रहते हैं तो कभी दवाइयां नहीं मिल पाती यह केवल कैंपटी पशु चिकित्सालय की बात नहीं बल्कि पूरे जौनपुर विकासखंड में जितने भी पशु चिकित्सालय हैं उन सभी चिकित्सालयों की स्थिति एक जैसी देखने को मिलेगी हर जगह हर चिकित्सालय में यह सभी कमियां नजर आएगी वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को कई बार इस विषय में लिखित व मौखिक रूप में अवगत कराया गया है लेकिन अब तक इस विषय में कोई भी उचित कार्रवाई सरकार के द्वारा नहीं की गई जिससे क्षेत्र के लोगों को इन स्वास्थ्य केंद्रों का लाभ मिल सके।