हरिद्वार: इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हर जगह केवल एक चर्चा जोरों पर है। वह है धनपुरा से हिंदू परिवारों का पलायन। आपको बता दें कि, पिछले कुछ समय में एक, दो नहीं बल्कि, पूरे 60 हिंदू परिवार यहां से पलायन कर गए हैं। इन परिवारों की मानें तो वह संप्रदायिक तनाव के चलते यहां से पलायन कर गए हैं, लेकिन, सबसे चौंका देने वाली बात यह है कि पलायन केवल हिंदू परिवारों का ही हुआ है। दर्जनों सांप्रदायिक दंगे और दो हत्याओ ने धनपुरा को जनपद ही नही बल्कि, प्रदेश भर का सबसे ज्वलंत मुद्दा बना दिया। आलम यह है कि यहां जो हिंदू परिवार रह रहे हैं, वो भी खौफजदा नजर आ रहे हैं।
हालांकि, पिछले लंबे समय से हालात ये है कि, चाहे होली हो या दिवाली या मौहर्रम। हर त्यौहार पर यहाँ भारी पुलिस बल और पीएसी फोर्स को तैनात किया जाता है। लगभग पिछले 15 दिनों से आमरण अनशन कर रहे पंकज सैनी ने बताया कि, यहां मुस्लिम वर्ग का इस कदर आतंक बढ़ गया है कि कोई हिंदू यहां रहना पसंद नहीं करता। हिंदुओं के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। साथ ही कहा कि, खुद मेरे खिलाफ संगीन धाराओं में झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनको वापस लेने के लिए मैं लगातार मांग कर रहा हूँ।
बता दें कि, पंकज सैनी के अनशन को समाप्त करवाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रदेश भाजपा के महासचिव नरेश बंसल तथा एसडीएम मनीष सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हुए थे। जिन्होंने पंकज सैनी से आग्रह किया कि, वह अनशन को समाप्त कर दें तथा पंकज सैनी की कई मांगे प्रशासन द्वारा मान भी ली गई। लेकिन अब भी धनपुरा की स्थिति जस की तस है, जिस पर अभी तक ना ही राज्य सरकार ने और ना ही प्रशासन कुछ करता नजर नहीं आ रहा है।