कुमाऊ विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल व कुलाधिपति डॉ. केके पाॅल द्वारा सार्वजनिक सेवा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अर्जित की गयी उपलब्धियों के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को मानद उपाधि से अलंकृत किया गया।
कुमाऊ विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में 248 उपाधियां प्रदान की गयी, जिसमें कला संकाय में 128, विज्ञान संकाय में 67, वाणिज्य संकाय में 50, 1 डिलिट व 2 डीएससी उपाधियां दी गयी।
कुलाधिपति डॉ. कृष्ण कांत पाॅल द्वारा सार्वजनिक सेवा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अर्जित की गयी उपलब्धियों के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल ने कहा कि, मेरे लिये विशेष गर्व व सम्मान की बात है कि मैं हमारे प्रतिष्ठित सपूत अजीत डोभाल को सम्मानित कर रहा हूॅ। डोभाल देश के पहले आईपीएस अधिकारी हैं जिन्हें कीर्तिचक्र से सम्मानित किया गया है। मुझे विश्वास है कि उत्तराखण्ड के युवा इस सम्मान से सदा प्रेरित व प्रोत्साहित होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी अकादमी संस्थान के इतिहास में दीक्षांत समारोह में एक अत्यन्त गौरवपूर्ण क्षण होता है। उन्होंने सभी उपाधि धारकों को बधाई देते हुये उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि कुमाऊ विश्वविद्यालय ने अपने क्रियाकलापों में नवाचार एवं संरचनात्मक परिवर्तन कर क्षेत्र में उच्च शिक्षा को एक नई दिशा व आयाम दिये हैं, यह अच्छी बात है। कुमाऊ विश्वविद्यालय को ए ग्रेड की मान्यता प्राप्त है, लेकिन हमें इससे संतुष्ट न होकर हमें देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में अपना नाम अंकित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करने होंगे जो क्षेत्र में युवाओं की बेराजगारी की समस्या का समाधान करे और शिक्षा में गुणवत्ता की बुनियादी तत्वों को भी सुनिश्चित करे। प्रसन्नता की बात है कि विश्वविद्यालय अपने अकादमिक कलैन्डर का पालन करने में सक्षम है और परीक्षायें नियमित तौर पर आयोजित की जा रही हैं। शिक्षा व परिसर को हर पहलू से एक स्माट कैम्पस बनाने का व्यापक प्रयास किया जा रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि, मुझे मानद उपाधि से अलंकृत किया गया, मैं इसे विनम्रता से स्वीकार करता हूॅ। उन्होंने सभी उपाधिधारकों से कहा कि शिक्षा ग्रहण कर आपने जो पाया है राष्ट्र, देश, दुनियां को उससे ज्यादा देने की कोशिश की जाय। हम सबका का कर्तव्य है कि हम जिम्मेदार नागरिक के रूप में राष्ट्र व समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करें। आज के बाद हमें स्वयं अंधकार से निकलने के लिये दीपक बनना होगा व स्वयं निर्णय लेकर आगे बढ़ना होगा। आने वाला वक्त आज के वक्त से अलग होगा, परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है इसलिये सभी विद्यार्थी समारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। डोभाल ने सभी को शुभकामनाएं देते हुये उज्जवल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वालों को शुभकामनायें देते हुये कहा कि जीवन में विद्या अर्जन प्रथम सोपान है। अब आप राष्ट्र, समाज व परिवार की सेवा के लिये कर्म क्षेत्र में प्रस्थान कर रहे हैं। पलायन प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है। पलायन को रोकने लिये सरकार द्वारा अनेक कार्य किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है ताकि प्रदेश व प्रदेश से बाहर के लोग पर्यटन को अपनाकर रोजगार के अवसर सृजित करेंगे, वहीं पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी। पीरूल के माध्यम से विद्युत उत्पादन का निर्णय लिया है इससे भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा महिलाओं को एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे एलईडी बल्ब की कीमत तो कम होगी ही साथ ही ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा और ऊर्जा की बचत भी होगी।
दीक्षांत समोह में अतिथियों का स्वागत करते हुये शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से पहली बार उत्तराखण्डी परिधानों में उपाधि विद्यार्थियों को प्रदान की गयी है। यह इस बात को दर्शाता है कि हमने पाश्यचात्य संस्कृति का त्याग कर अपने प्रदेश व देश की संस्कृति को अपनाया है। प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा में काफी परिवर्तन किये हैं। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शैक्षिक कलैन्डर प्रभावी किया गया है जिससे परीक्षायें एवं परीक्षा परिणाम समय से घोषित किये जा रहे है। इस व्यवस्था से शैक्षिणिक सत्र नियमित हुआ है। उन्होने कहा कि हम 100 गरीब बच्चों को निःशुल्क शोध करायेंगे तथा 50 बच्चों केा आईएएस, पीसीएस की कोचिंग करायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के 28 विद्यार्थियों का आईआईटी में चयन हुआ है तथा 140 बच्चे एनडीए व सीडीएस में चयनित हुये जो खुशी की बात है।