बेरीनाग: एक वर्ष पहले बेरीनाग विकासखंड के उड़ियारी गांव की 13 वर्षीय ज्योति को कैंसर हो गया था। लेकिन ज्योति के पिता उसके ईलाज के लिए पैसे पूरे करने में समरथ नहीं थे। जिसके बाद ज्योति के ईलाज के लिए गांव के लोगों समेत प्रदेश से भी लोगों ने धनराशी एकत्रित की। साथ ही प्रदेश सरकार के साथ साथ विदेशों से भी लोगों ने ज्योति के ईलाज के लिए धनराशी प्रदान की। ज्योति का ईलाज दिल्ली में चला। पिछले एक साल से 13 वर्षीय ज्योति कैंसर की बिमारी से लड़ रही थी। हालंकि अब वो पूरी तरह से ठीक हो गई है। ज्योति 1 साल बाद अपने गांव पहुंची जहां गांव के लोगों ने उसका जोरदार स्वागत किया।
दरअसल, 1 साल पहले स्वास्थ्य परीक्षण करने पर डॉक्टरो ने हल्द्वानी में ब्लड कैंसर की पुष्ठि हुई और दिल्ली ले जाने को कहा। तब ज्योति के पिता जीवन महरा मेहतन मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते थे। डाक्टरों के द्वारा ब्लड कैंसर बताने के पर उसके समाने पहाड़ जैसी मुश्किल खड़ी हो गई। उनके पास बेटी की दवाईयों तक लिए पैसे नहीं थे। वहीं ज्योति की बिमारी के बारे में जब उसके स्कूल हिमालया इंटर कॉलेज चैकोडी को पता चला तो उन्होंने बेरीनाग के स्थानीय लोगों से इसकी मदद करने की अपील की।
वहीं जैसे-जैसे ये खबर फैली तो विदशों से ज्योति की मदद के लिए लोगों की हाथ उठे। ज्योति का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ने पर परिजनों ने उसे राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने उसके उपचार में 20 लाख तक खर्च आने की बात कही। ज्योति की मदद में क्षेत्र के सभी स्कूली बच्चों, शिक्षक, कर्मचारी, पुलिसकर्मी, व्यापारी, सहित मीडिया कर्मी के लोग आगे आए। सभी ने अपने स्तर से उसका सहयोग किया। इस तरह से इलाज के लिए 18 लाख की धनराशी जमा हुई। साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष और प्रधानमंत्री राहत कोष से 3-3 लाख की धनराशी भी मिली थी। ज्योति की मदद में स्थानीय विधायक मीना गंगोला ओर सांसद अजय टम्टा ने भी सहयोग किया। सरकार ने भी ज्योति के इलाज का खर्चा करने उठाने का बात कही। इसके बाद एक वर्ष तक ज्योति का उपचार चला और उपचार के बाद आज वह पूरी तरह से ठीक है। ज्योति जब ठीक होने के बाद अपने गांव उडियारी पहुंची तो ग्रामीणों ने उसका जोरदार स्वागत किया। वहीं ठीक होने के बाद जब ज्योति अपने स्कूल हिमालया इंटर कॉलेज चैकोड़ी पहुंची तो उसे देख स्कूल के छात्र-छात्राओं समत शिक्षक भ भावुक हो गए। ज्योति को कक्षा 7 में प्रवेश दे दिया गया है जहां वो अपनी शिक्षा पूरी कर रही है।