नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद पक्ष की ओर से कोर्ट में पेश राजीव धवन ने कहा कि कानूनी नजरिए से आर्बिट्रेशन और मीडिएशन में फर्क है। इसलिए आर्बिट्रेशनमें कोर्ट की सहमति जरूरी है, बल्कि मध्यस्थता में ऐसा नहीं है। धवन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष मध्यस्थता के लिए सहमत हैं।
अयोध्या केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस बोबडे ने कहा कि बाबर ने जो किया हम उसे ठीक नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा जो हालात हैं, हम उसपर बात ही करेंगे। जस्टिस बोबडे ने कहा कि अगर कोई केस मध्यस्थता को जाता है, तो उसके फैसले से कोर्ट का कोई लेना देना नहीं है।
जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि आप सोच रहे हैं कि किसी तरह का समझौता करना पड़ेगा कोई हारेगा, कोई जीतेगा। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता में हर बार ऐसा नहीं होता है। जस्टिस बोबडे ने कहा कि यह मामला सिर्फ जमीन का नहीं है, बल्कि भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला है, इसलिए हम चाहते हैं कि बातचीत से इसका हल निकले।